New Delhi/Alive News: 1981 में आई फिल्म ‘प्रेम गीत’ का गाना- ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन, आज भी कितना प्रासंगिक और लोकप्रिय है कि सात समंदर पार एक दुल्हन ने भारतीय युवा को अपना दिल दे बैठा। तुर्की की एक महिला ने आंध्र प्रदेश के युवा के साथ अग्नि को साक्षी मानते हुए सात जन्मों तक साथ रहने का फैसला किया।
जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले युवक मधु संकीरथ की मुलाकात 2016 में तुर्की के गिजेम से हुई । तुर्की में मधु और गिजेम एक काम के सिलसिले में मिले और धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती शुरू हो गई। चार सालों की दोस्ती को दोनों ने रिश्ते में तब्दील करने का फैसला लिया, लेकिन दोनों के परिवार वाले इसके खिलाफ थे। मधु और गिजेम के परिवार वालों का कहना था कि दोनों की भाषा, भावनाएं और संस्कृति एक दूसरे से मैच नहीं करते हैं।
ऐसे में यह शादी दोनों के जीवन के लिए सही नहीं होगी, लेकिन गिजेम और मधु ने शादी के लिए अपने-अपने परिवारों को मनाया । परिवार की रजामंदी के बाद दोनों ने 2019 में सगाई कर ली। मगर कोरोना की वजह से दोनों की शादी रुक गई, लेकिन जुलाई 2021 में गिजेम और मधु ने तुर्की में शादी कर ली और फिर दिसंबर में इंडिया लौटकर दोनों ने तेलगु रीति रिवाज से दोनों ने सात फेरे लिए। इस समारोह में दोनों के परिवार वाले भी मौजूद रहे। आज दोनों बेहद खुश हैं।