NewDelhi/Alive News : बच्चों को जल्द ही कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद जग रही है। पटना एम्स की तर्ज पर अब दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भी आज से बच्चों पर कोविड-19 वैक्सीन का पहला क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो रहा है। वैक्सीन ट्रायल के लिए 2 से 18 साल के बच्चों को चुना गया है। पहले चरण में केवल 17 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। ट्रायस सफल होने पर बच्चों में टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार एम्स में वैक्सीन का ट्रायल सोमवार सुबह 9 बजे से शुरू होकर आठ सप्ताह तक जारी रहेगा। ट्रायल के लिए पहले बच्चों की स्क्रीनिंग होगी और उन्हें पूरी तरीके से स्वस्थ पाए जाने के बाद ही वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन का ट्रायल अभी कई चरणों में होंगे। मिली जानकारी के मुताबिक पहले ट्रायल में 17 बच्चों को भारत बायोटेक और आईसीएमआर की कोवाक्सिन की खुराक दी जाएगी। हाल ही में पटना के एम्स में भी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। वहां 3 जून को तीन बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर मासूमों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में बच्चों का टीकाकरण ही उन्हें संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।
बता दें कि भारत बायोटेक को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से 11 मई को ही बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली गयी थी। इसके बाद बीते हफ्ते में एम्स पटना ने 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू किया था।
मिली जानकारी के अनुसार डीसीजीआई ने पटना एम्स में बच्चों पर कोवैक्सीन का पहला क्लीनिकल ट्रायल होने के बाद अब दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दी है। कई अन्य संस्थानों के साथ एम्स-दिल्ली को भी ट्रायल साइट के लिए चुना गया है। इसके अलावा एम्स-पटना और नागपुर स्थित मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को भी चुना गया हैं।
हाल में नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) वीके पॉल ने कहा था कि कोवैक्सीन को डीसीजीआई ने मंजूरी दी है। उसे 2 से 18 साल के आयु वर्ग के लिए क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी गई है।