May 11, 2024

कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करना पहली प्राथमिकताः खटाना

Faridabad/Alive News: आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ जिला फरीदाबाद की कार्यकारिणी ने हरियाणा कर्मचारी महासंघ के नवनियुक्त प्रदेश महासचिव सुनील खटाना के सम्मान में महावीर समुदाय केंद्र एनआईटी नम्बर-2 फरीदाबाद में एक स्वागत समारोह का आयोजन किया। जिसमें पूरे प्रदेश के लगभग सभी सरकारी विभागों के पदाधिकारी कर्मचारी साथियों ने भाग लिया और नवनियुक्त महासचिव सुनील खटाना को बधाइयां दी।

इस अवसर पर सुनील खटाना ने सभी साथियों का धन्यवाद किया और साथ ही हरियाणा कर्मचारी महासंघ के सभी कार्यकर्ताओं को अपने वक्तव्य में बताया कि आने वाला समय कर्मचारी विरोधी है और सरकार सरेआम श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रही है। जिसमें 29 श्रम कानूनों को समाप्त करके पूंजीपतियों की सुविधानुसार 4 श्रम कानून लागू करने जा रही है। जो कि सीधे तौर पर कर्मचारी वर्ग का शोषण है। आज सरकार कोविड की आड़ में प्रदेश के कर्मचारियों का 18 महीने का डीए का एरिया डकारना चाहती है।

हरियाणा महासंघ कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल कराने के लिए किसी भी प्रकार का आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा। आज सरकारी नौकरियों में बढ़ता भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है। यह सरकार बेरोजगार युवाओं को ठगने का काम कर रही है। स्थाई भर्ती के नाम पर कौशल विकास निगम बनाए जा रहे हैं। कच्चे कर्मचारी जो लंबे समय से पक्का होने की बाट जोह रहे हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

सरकार सुप्रीम कोर्ट के समान काम समान वेतन के आदेश को लागू नहीं कर रही शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से सरकार पल्ला झाड़ने का काम कर रही है । 18 विभागों में कर्मचारियों की सहमति के बगैर ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू करना तानाशाही का जीता जागता उदाहरण हैं। बिना खाली पदों को भरे राइट टू सर्विस एक्ट लागू करना कर्मचारी वर्ग पर हमला है। जोखिम भरे विभागों में कार्य कर रहे कर्मचारियों को जोखिम भत्ता ना देना सरकार की तानाशाही को दर्शाता है।

इस अवसर पर मुख्यरूप से हरियाणा कर्मचारी महासंघ के राज्यप्रधान बालकुमार शर्मा बिजली बोर्ड से प्रधान बिजेंदर बेनीवाल, पब्लिक हेल्थ से प्रधान विश्वनाथ शर्मा, आबकारी कराधान से कुलदीप शर्मा, अध्यापक संघ से डॉक्टर रामनिवास, फरीदाबाद से सतीश छाबड़ी संतराम लाम्बा, लेखराज चौधरी, कर्मबीर यादव विनोद शर्मा, सुनील चौहान, मदन गोपाल, वीर सिंह रावत जयभगवान अन्तिल, बृजपाल आदि ने अपने अपने विचार रखे ।