May 3, 2024

भ्रष्टाचार समाप्त करना सभी का पहला लक्ष्य : प्राचार्य


Faridabad/Alive News : अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस के अवसर पर प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी तीन में वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है जो हमारे समाज को और हमारी अर्थव्यवस्था को और पूरे देश को खोखला कर रहा है। यह समाज और देश के विकास में बड़ी बाधा है। विश्व का प्रत्येक देश इस समस्या से ग्रसित है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हुआ था।


अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व विश्व स्तर पर भ्रष्टाचार के बारे में पैरोकर करना और यह बताना है कि किसी को इससे कैसे और क्यों बचना चाहिए। यह दिवस भ्रष्टाचार-रोधी समूहों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो इस कदाचार के प्रति जागरूकता फैलाते हैं और अपने कार्यस्थल पर भ्रष्टाचार से बचने के साधनों और उपायों को साझा करते हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है। क्योंकि भ्रष्टाचार कानून के शासन को झुकाकर चुनावी प्रक्रियाओं को विकृत करता है। भ्रष्टाचार कई प्रकार से देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है।

विश्व के एक ट्रिलियन डॉलर अर्थात 70 लाख करोड़ रुपये हर साल घूस के तौर पर दिया जाता है। भ्रष्टाचार के माध्यम से तीन सौ लाख करोड़ रुपये की हर वर्ष चोरी की जाती है जो विश्व की जीडीपी का पांच प्रतिशत है। भ्रष्टाचार के लिए सरकारी सिस्टम का उत्तरदायित्व भी साधारण व्यक्ति और निजी कंपनियों के समान ही है। बहुत बार सामान्य जन भी झंझट, परेशानी और समय की बचत करने के लिए अधिकारियों की अनुचित मांग को मान लेता है। इस तरह से वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। कई बार प्राइवेट कंपनियां भी ऐसा करती हैं।विकासशील देशों के लिए यह सबसे गंभीर अपराध है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा भी प्रभावित होती है। करोड़ों लोग उचित शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और अन्य जनसुविधाओं को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा और कॉर्डिनेटर डॉक्टर जसनीत कौर तथा बालिकाओं ने पोस्टर के माध्यम से भ्रष्टाचार की समाप्ति सभ्य समाज के लिए अनिवार्य बताया।