April 30, 2024

प्रतिबंध के बाद भी धड्डले से बाजारों में बिक रही पॉलीथिन, नही दिखा कोई असर

Faridabad/Alive News : सरकार की ओर भले ही एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो, लेकिन इसका बाजारों में कुछ खास असर देखने को नही मिला। जिले में नगर निगम द्वारा जारूकता अभियान चलाने और मार्किट कमेंटियों को सूचित करने के बाद भी दुकानदारों का प्लास्टिक से मोह भंग नही हो रहा है। वहीं निगम अधिकारियों ने बैन किए गए प्रोडक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना लगाने की बात कही है।

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगी रोक
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, भंडारण व बिक्री पर पूर्णतया रोक हो गई है। एनजीटी द्वारा बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण का स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार एवं एनजीटी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। सरकार एवं एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्लास्टिक की मोटाई 120 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम मोटाई वाले प्लास्टिक की चीजों पर प्रतिबंध रहेगा।

देश में प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डी-कंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है।

बढ़ते प्रदूषण को सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक है। प्लास्टिक वातावरण को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। वायु प्रदूषण के साथ साथ प्लास्टिक से जल व भूमि प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर होता है। प्लास्टिक के कारण भूजल रिचार्ज भी नहीं हो पाता है। प्लास्टिक कई सालों तक नष्ट नहीं होता है, जिसके कारण सालों तक वातावरण को इसका नुकसान झेलना पड़ता है।