May 19, 2024

चार साल बाद भी पूरा नही हो पाया पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेई की याद में बन रही लाइब्रेरी का निर्माण कार्य

Shashi Thakur/Alive News
Faridabad: मनोहर सरकार ने अपनी पहली पारी में सेक्टर-12 के टाउन पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेई की याद में अटल लाइब्रेरी का काम शुरू किया था। लेकिन मनोहर सरकार की दूसरी पारी के तीन साल बीतने के बाद भी लाइब्रेरी की बिल्डिंग का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गई है और अधूरी बिल्डिंग असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गई है।

टूट रही लाइब्रेरी की बिल्डिंग

दरअसल,फरीदाबाद में भाजपा की पहली पारी में भाजपा के पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की याद में 25 दिसंबर 2019 को सेक्टर-12 में ई-अटल लाइब्रेरी का शिलान्यास किया था। लेकिन हैरानी की बात तो यह है चार साल बीतने के बाद भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अधिकारियों को यह नही पता कि इस लाइब्रेरी का निर्माण कार्य कब शुरू होगा और यह लाइब्रेरी कब लोगों को समर्पित की जाएगी।

लाइब्रेरी की बिल्डिंग में पड़े घास

वहीं, 43 एकड़ में फैले शहर के सबसे बड़े टाउन पार्क में लोगों के पढ़ने के लिए 2019 में उस समय के मंत्री विपुल गोयल ने ई-लाइब्रेरी की नीव रखी थी और निर्माण कार्य भी शुरू कराया था। लेकिन कोविड महामारी के चलते लाइब्रेरी का निर्माण कार्य बीच में ही बंद कर दिया गया। वहीं, लॉक डाउन के बाद अटल लाइब्रेरी को बनाने की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी और इस काम को पूरा करने के लिए 6 महीने की समय सीमा तय की गई थी। लेकिन चार साल बीतने के बाद भी अटल लाइब्रेरी का निर्माण अधर में लटका है।

लाइब्रेरी बना असामाजिक तत्वो का अड्डा

लाइब्रेरी की बिल्डिंग का आकार होगा विदेशी इमारत जैसा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में बनाए जा रहे इस लाइब्रेरी का आकार पहले कमल के फूल जैसा दिया गया, लेकिन बाद में लाइब्रेरी को रोम शहर की इमारतों जैसा स्वरूप दिया गया। 2019 में इस लाइब्रेरी के निर्माण कार्य की लागत एक करोड़ 58 लाख रुपये रखी गई थी। लेकिन अब निर्माण कार्य में देरी होने के बाद एचएसवीपी अधिकारियों द्वारा अधूरे पड़े लाइब्रेरी के निर्माण कार्य का बजट दो करोड़ रूपये बताया जा है।

पूर्व प्रधानमंत्री की याद में बन रही लाइब्रेरी को पूरा करना भूली सरकार
यह लाइब्रेरी ई-लाइब्रेरी के रूप में बनाई जा रही है। इसका मतलब है कि यहां आने वाले सभी लोगों को पढ़ने के लिए इंटरनेट की फैसिलिटी के साथ साथ एक स्मार्ट लाइब्रेरी की सभी सुविधाएं मिलनी हैं। लेकिन मंत्री विपुल गोयल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भाजपा की दूसरी पारी की सरकार ने अपनी ही योजना को अधर में लटका दिया है। इस लाइब्रेरी की ओर न तो केंद्रीय राज्य मंत्री, हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री और न ही स्थानीय विधायक नरेंद्र गुप्ता का ध्यान है। मनोहर सरकार अपनी दूसरी पारी के तीन साल बीतने के बाद भी पहले कार्यकाल में शुरू की योजनाओं को ही पूरा नहीं कर पा रही है।

क्या कहना है अधिकारी का
लाइब्रेरी का निर्माण कार्य पिछले कई सालों से अधूरा पड़ा है। इसके निर्माण कार्य को फिर से शुरू कराने की कवायद की जा रही है और चार साल बीतने के बाद अब इसके निर्माण कार्य की लागत करीब दो करोड़ आ रही है। यदि सब कुछ सही रहा तो अगले तीन माह बाद लाइब्रेरी का निर्माण कार्य फिर से शुरू किया जाएगा।

मनोज सैनी, कार्यकारी अभियंता- एचएसवीपी।