May 20, 2024

पांच माह बाद भी वैक्सीन की पहली डोज से वंचित रहे 85 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर

Chandigarh/Alive News : स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एक तरफ कोरोना आपदा की दूसरी लहर से बचाव को लेकर प्रदेश के लोगों का वैक्सीनेशन करने में लगे है। वही दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी खुद वैक्सीनेशन में पीछे रह गए हैं। स्वास्थ्य विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच माह बाद भी विभाग के 85 प्रतिशत डॉक्टर, नर्स समेत अन्य कर्मचारियों को पहली ही डोज दी गई है। जबकि दूसरी डोज करीब 60 प्रतिशत स्टाफ ही ले पाया है।

आंकड़ों के मुताबिक करीब 4.50 लाख कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर्स माना गया। इनमें स्वास्थ्य, पुलिस, सफाई कर्मी, बिजली, पंचायती राज और राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। प्रदेश में कुल दो लाख स्वास्थ्य कर्मी हैं। हरियाणा में वैक्सीनेशन का कार्य 16 जनवरी से शुरू हुआ था। करीब 1.70 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को ही वैक्सीन की पहली डोज मिली है। जबकि 1.2 लाख कर्मचारियों को ही वैक्सीन के दोनो के डोज लगे हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार कोरोनारोधी वैक्सीन लेने में पुलिस कर्मचारी सबसे आगे हैं। प्रदेश में कुल 60 हजार के करीब जवान हैं। इनमें एसपीओ और होम गार्ड के जवान भी शामिल हैं। 90 प्रतिशत से अधिक यानी 54 हजार जवान पहली डोज ले चुके हैं, जबकि 65 प्रतिशत यानी 39 हजार को दोनों खुराक लग चुकी है। इसी प्रकार बिजली निगमों के 35 हजार से अधिक कर्मियों में से आधे से ज्यादा कर्मियों का टीकाकरण हो चुका है।

बता दें, कि कोरोना के खिलाफ जंग में कई फ्रंटलाइन वर्कर्स भी अपनी जान गंवा चुके हैं। आईएमए के दावे के अनुसार हरियाणा में कोरोना से 6 डाक्टरों समेत 50 हेल्थ वर्कर की मौत हो चुकी है। वहीं पुलिस की बात करें तो अब तक 6547 कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आए है। इनमें से 6480 ठीक हुए, जबकि 45 पुलिसकर्मी जान गवां चुके हैं। करीब 900 बिजली कर्मी संक्रमित हुए जबकि 43 की जान गई।

कोरोना आपदा की दूसरी लहर के शुरुआत के दौरान वैक्सीन की कमी के कारण फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन प्रभावित हुआ है। इस कारण कर्मचारियों को दूसरे इंजेक्शन के लिए स्लाट ही नहीं मिला। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार दो डोज के बीच 8-12 सप्ताह का अंतराल देना अनिवार्य कर दिया गया। जिससे कर्मचारियों को दूसरी डोज के लिए इंतजार करना पड़ा।