May 2, 2024

शिक्षा मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से की रिपोर्ट तलब, निजी स्कूलों में समान होगा पहली से 5वीं का पाठ्यक्रम

Faridabad/Alive News: हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए शिक्षा मंत्री ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से पाठ्यक्रम को लेकर रिपोर्ट तलब की है। कई ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें पहली से पांचवीं तक की कई पुस्तकें स्कूल द्वारा ही उपलब्ध करवाई जाती हैं। इन किताबों की कीमत काफी अधिक होती है। अभिभावकों की शिकायतों के आधार पर सरकार ने तय किया है कि पहली से पांचवीं तक का पाठ्यक्रम समान किया जाएगा।

यह सुनिश्चित होगा कि इन कक्षाओं की पुस्तकें मार्केट में हर दुकान पर उपलब्ध हों। विभाग के अधिकारियों द्वारा पूरी स्टडी करने के बाद शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। स्कूल मनमर्जी से किताबें नहीं लगा सकेंगे। अहम बात यह है कि स्कूलों द्वारा ऐसी किताबों की सिफारिश की जाती हैं, जो पाठ्यक्रम से भी बाहर हैं। इस बाबत शिक्षा मंत्री प्राइवेट स्कूलों की यूनियन के साथ भी बातचीत कर चुके हैं।

विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसी किताबों को चिह्नित करें और इसके लिए नियम बनाकर दें। पांचवीं कक्षा तक में एनसीईआरटी की पुस्तकें नहीं लगती। ऐसे में स्कूल संचालकों को छूट मिली हुई है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है कि विभाग से रिपोर्ट आने के बाद ऐसे नियम बनाएं जाएंगे ताकि अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।

इसी तरह से स्कूल अब बार-बार यूनिफार्म नहीं बदल सकेंगे। सरकार ने सभी जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी प्राइवेट स्कूल पांच वर्ष से पहले यूनिफार्म का कलर या डिजाइन चेंज न करे। वहीं फीस बढ़ोतरी को लेकर सरकार पहले ही नियम तय कर चुकी है। प्राइवेट स्कूल पांच प्रतिशत से अधिक ट्यूशन फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं, जो हर साल विद्यार्थियों से पिकनिक व इंटरटेनमेंट के नाम पर सालाना फीस वसूलते हैं।

मंत्री ने माना पहले बढ़ी अधिक फीस
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने स्वीकार किया है कि कोरोना काल के बाद जब स्कूल खुले तो कई प्राइवेट स्कूलों ने फीस में अधिक बढ़ोतरी की। इसकी शिकायतें मिलने के बाद ही सरकार ने पॉलिसी बनाई। अब डीसी को फार्म-6 भरकर देना होगा। मंजूरी मिलने के बाद ही प्राइवेट स्कूल अधिकतम पांच प्रतिशत फीस बढ़ा सकेंगे। गुर्जर ने अभिभावकों को कहा है कि अगर किसी भी स्कूल में 5 प्रतिशत से अधिक ट्यूशन फीस बढ़ी है तो उसकी शिकायत करें, संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी।

करना होगा फीस का खुलासा
राजधानी चंडीगढ़ से सटे पंचकूला सहित कई जिले ऐसे हैं, जिन्होंने कोविड के दौरान भी फीस में मोटा इजाफा किया है। पंचकूला का एक नामचीन स्कूल तो ऐसा है, जहां सालाना खर्चों को भी ट्यूशन फीस में जोड़ दिया है। अभिभावकों द्वारा जब फीस का ब्रेकअप मांगा जाता है, तो वह उन्हें देने से इनकार कर दिया जाता है। इस स्कूल ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र में भी ट्यूशन फीस बढ़ाई है, वह भी सरकार के नियमों से कहीं अधिक। फार्म-6 भरने के बाद 5 प्रतिशत ही ट्यूशन फीस बढ़ सकती है, लेकिन उक्त स्कूल ने 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है।