Faridabad/Alive News: करीब एक महीने जिंदगी-मौत से जूझने के बाद ग्रेटर फरीदाबाद निवासी 44 वर्षीय राजेश कुमार को मेट्रो अस्पताल के डाक्टरों के प्रयासों ने नया जीवन देने का काम किया है। कोरोना से ग्रस्त राजेश कुमार एक माह पूर्व अस्पताल में दाखिल हुए थे। जहां 21 दिन आईसीयू में हाई ऑक्सीजन पर रहने के बाद उनके बचने की संभावनाएं काफी कम थी। लेकिन अस्पताल के डाक्टरों ने हार नहीं मानी और उनके प्रयास रंग लाए।
अस्पताल के वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डा. लवलीन मंगला ने बताया कि सेक्टर-85 बीपीटीपी निवासी 44 वर्षीय राजेश कुमार को 18 अप्रैल, 2021 को कोरोना होने पर मेट्रो अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जहां उन्हें काफी मात्रा में आक्सीजन की जरूरत और स्थिति गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मरीज को लगभग 30 लीटर प्रति घण्टे के हिसाब से आक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी, जिस कारण आईसीयू में इस मरीज को बाईपेप मशीन पर हाईप्रेशर आक्सीजन पर रखा गया।
डा. मंगला ने बताया कि इस मरीज को 21 दिन तक लगातार आईसीयू में रखना पड़ा क्योंकि मरीज को कोरोना के साथ-साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन भी पाया गया, जिस कारण इस मरीज को विभिन्न प्रकार के एंटीबॉयटिक भी दिए गए। इलाज के दौरान मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद मरीज के फेफड़े काफी सिकुड़ गए थे। जिसे पोस्ट कोविड फाईब्रोसिस कहा जाता है। जिससे मरीज की हालत में कभी सुधार होता तो कभी हालत गंभीर हो जाती परंतु परिवार के साथ-साथ इलाज उन्होंने हार नहीं मानी और मरीज का इलाज जारी रखा और उन्हें बड़ खुशी है कि मरीज आज पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
वहीं मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डा. पंकज छाबड़ा ने बताया कि उनके द्वारा भी इसी प्रकार के गंभीर कोविड पॉजिटिव रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।विशेषकर जो कोविड पॉजिटिव मरीज लम्बे समय तक बाईपेप या वेंटीलेटर मशीन पर रहने के बावजूद ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होकर गए है। मेट्रो अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर एवं डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डा. नीरज जैन ने कोविडग्रस्त मरीजों के सफल इलाज के लिए डाक्टरों व उनकी टीम की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि गंभीर मामलों का जिस प्रकार से डाक्टरों ने अपनी सूझबूझ से इलाज किया है।