पितृपक्ष यानी श्राद्ध की शुरुआत हो चुकी है. इन दिनों पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा पाठ किया जाता है. पितृ दोष दूर करने के लिए भी श्राद्ध पक्ष को सबसे अच्छा समय माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में किए गए तर्पण से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है. शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध के अनुष्ठानों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए और इस दौरान ये 5 काम जरूर करने चाहिए.
1.ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज किसी ना किसी रूप में हमारे पास आते हैं. वो आपके आसपास किसी भी रूप में आ सकते हैं. इसलिए अपने घर के आसपास आने वाले किसी भी जानवर, पक्षी या कीट का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिए और ना ही उन्हें किसी भी तरह की चोट पहुंचानी चाहिए.
2.पितृपक्ष के दौरान कोई नई चीज खरीदने या कोई भी नया काम शुरू करने से बचना चाहिए. इस दौरान किसी भी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए. इस दौरान अगर कोई शुभ समाचार मिलता भी है तो इसका जश्न पितृपक्ष खत्म होने के बाद मनाना चाहिए.
3.इस अवधि के दौरान अपने घर के बाहर एक बर्तन में खाना-पानी जरूर रखना चाहिए. इससे बेघर लोगों, जानवरों, पक्षियों और कीड़ों को अपनी भूख-प्यास मिटाने में आसानी होगी. इस समय आपको हर किसी की हर संभव मदद करनी चाहिए. पितृपक्ष के दौरान ये कार्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
4.पितृपक्ष के दौरान, जो व्यक्ति अनुष्ठान कर रहा है विशेष रूप से ‘तर्पण’ (Tarpan) करने वाले व्यक्ति को चना, मसूर, जीरा, काला नमक, लौकी, सरसों, खीरा और मांस के सेवन से बचना चाहिए.
- तर्पण करते समय काले तिल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए उनका पसंदीदा भोजन तैयार करें और इसे ब्राह्मण, कौवा, गाय और कुत्ते को अर्पित करें.