November 26, 2024

चंद्रयान-3 की सफलता के को लेकर जिला परिषद के प्रेजिडेंट ने ली बैठक

Faridabad/Alive News: जिला परिषद के प्रेजिडेंट विजय सिंह की अध्यक्षता में जिला परिषद के सदस्यों और तमाम विभागों के जिला अधिकारियों मौजूदगी में चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर बैठक आयोजित की गई।

जिला परिषद की सीईओ आशिमा सांगवान ने चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने इतिहास रच दिया है। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बहुत बहुत शुभकामनाएं। उन्‍होने बताया कि इस सफलता के बाद भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना गया है। यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और हम सबके लिए गर्व की बात है।

जिला परिषद् के चेयरमैन विजय सिंह ने कहा की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियर और कर्मचारियों को जिन्होंने चंद्रयान मिशन में अपना योगदान दिया है उन सभी को बधाई देते हुए कहा कि अमृत काल की सुबह बेला में हमने यह उपलब्धि हासिल की है। यह अगले 25 वर्षो में एक सक्षम, समावेशी और समृद्ध भारत बनाने के महत्वकांक्षी विजन को प्राप्त करने का सुबह संकेत है। हम सबके लिए यह बड़े सम्मान की बात है की चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलता पूर्वक उतारने वाला ऐसा कीर्तिमान रचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।

जिला परिषद के प्रेजिडेंट विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, उस स्थान को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा और चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वो प्वाइंट अब “तिरंगा” कहलाएगा। भारत देश वो देश है जो अंधेरे क्षेत्र में जाकर विश्व को रोशन करता है। चंद्रयान-2 की असफलता के समय प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहाकि हमें पीछे मुड़कर निराशा की तरफ नहीं देखना है, हमें सबक लेना है, सीखना है और आगे बढ़ते जाना है और लक्ष्य की सफलता तक रुकना नहीं है।

परिणामों से प्रभावित हुए बिना निरंतर लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने की परंपरा भी रही है और यह हमारा संस्कार भी है। हम निश्चित सफल होंगें और चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक लेंडिंग का दिन हमेशा के लिए याद रखा जाएगा। यह दिन हम सभी को एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा। यह दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा और यह दिन इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है।