Faridabad/ Alive News: (पूजा बाघ): धनतेरस के आगमन पर बाजारों में दुकानें बर्तन से भर तो गई हैै। लेकिन इन बर्तनों को खरीदनें वाले ग्राहक कम या ना के बराबर हो गए है। नोटबंदी तथा गुड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लगने के बाद लोगों में त्यौहारों के प्रति उत्साह ना के बराबर दिखाई दे रहा है। ऐसा हम नही बर्तनों के कारोबार से जुड़े सतीश जैन का कहना हैै। वह 15 वर्षो से बर्तनों का कारोबार कर रहे है। परन्तु दो वर्षो से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नोटबंदी तथा जीएसटी लगने के बाद से तो मार्केट का माहौल और भी ज्यादा खराब हो गया है। बर्तन विक्रेता सतीश जैन ने बताया कि कई बार 15 से 20 दिन तक कोई बिक्री नही होती और जहां पहले 20 से 25 बर्तनों की बिक्री होती थी अब सिर्फ एक या दो बर्तन ही बिक रहे है। तीनों त्यौहार (रक्षाबंधन, नवरात्री, करवाचौथ) निकल गए पर बर्तनों के इस कारोबार में पैसा लगाने के बाद त्यौहारों में भी कमाई होने के कोई आसार नही हंै। इतना ही नही दुकानदार जिस रेट पर बर्तन खरीद कर लाए है उन्हें उसी रेट पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी ग्राहकों को इन बर्तनों को खरीदनें में कोई रूचि नही है।
जीएसटी के बाद बर्तनों के रेट
नाम जीएसटी के पहले जीएसटी के बाद
चम्मच 10 12
कटोरी 12 15
बरनी 100 120
गिलास 15 18
पवाली 120 रू प्रति किलो 165 रू प्रति किलो
प्लेट 10 15