New Delhi/Alive News : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की चेतावनी के बीच बच्चों की वैक्सीन पर ट्रायल का काम तेजी से चल रहा है. पटना एम्स के बाद अब दिल्ली एम्स में भी बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, सोमवार से दिल्ली एम्स में बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू होगी और फिट पाए जाने पर ही बच्चों को ट्रायल में शामिल किया जाएगा.
स्क्रीनिंग के दौरान बच्चों का आरटीपीसीआर और एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा. इसके बाद ही उनको ट्रायल में शामिल किया जाएगा. अगर किसी बच्चे में एंटीबॉडी मिलती है या फिर कोविड पॉजिटिव आता है तो उसे ट्रायल में शामिल नहीं किया जाएगा. ये ट्रायल अभी 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों पर हो रहा है. लेकिन भारत बायोटेक का कहना है कि ट्रायल में सबसे कम उम्र का बच्चा 2 साल का होगा.
पटना एम्स में 3 जून से ही बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. अब तक करीब 10 बच्चों को कोवैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. अभी तक ये वैक्सीन के सुरक्षित साबित हुई है. वैक्सीन का पहला डोज देने के बाद जब बच्चों को दो घंटे तक ऑब्जर्व किया गया तो उनमें किसी तरह का साइड इफेक्ट या कोई परेशानी सामने नहीं आई.
तीसरी लहर की चेतावनी के बीच 12 मई को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने कोवैक्सीन को बच्चों पर ट्रायल की सिफारिश की थी. इसके बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ट्रायल को मंजूरी दी.
ये ट्रायल देश के कुल 525 बच्चों पर किया जाएगा. इनमें 175-175 बच्चों के तीन ग्रुप बनाए गए हैं. पहले ग्रुप में 12 से 18 साल की उम्र के 175 बच्चे शामिल होंगे. दूसरे ग्रुप में 6 से 12 साल की उम्र के 175 बच्चे और तीसरे ग्रुप में 2 से 6 साल की उम्र के 175 बच्चों को शामिल किया जाएगा. इन बच्चों को 28 दिन के गैप पर वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे. जुलाई के बीच तक ये ट्रायल खत्म होगा. इसके बाद नतीजों के आधार पर ही बच्चों पर इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी जाएगी.