November 23, 2024

विकास दिव्यकीर्ति के विवादित वीडियो क्लिप को लेकर छिड़ा घमासान, सड़कों पर उतरे लोगों ने की गिरफ्तारी की मांग

New Delhi/Alive News: देश भर में आईएएस के कोचिंग गुरु डॉ विकास दिव्यकीर्ति के विवादित वीडियो क्लिप को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर एक ओर से लोग उन्हें हिंदू विरोधी बताकर भगवान श्रीराम और देवी सीता के अपमान का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं। विवादित वीडियो क्लिप में दिव्यकीर्ति रामायण की चौपाइयों का संदर्भ देते हुए श्रीराम के हवाले से सीताजी को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं।

सड़कों पर उतरे लोग
डॉ विकास दिव्यकीर्ति कोचिंग में पढ़ाने के दौरान देवी सीता के संबंध में विवादित टिप्पणी करने का सोशल मीडिया पर 45 सेकंड का वीडियो सामने आने के बाद सवालों के घेरे में है। दिव्यकीर्ति के वीडियो को लेकर हिंदू समाज में रोष व्याप्त है। इसे लेकर लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पर विरोध जता रहे हैं। साथ ही दृष्टि आईएएस कोचिंग को बंद करने और उन्हें ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।

ट्विटर पर भी यह मुद्दा लगातार ट्रेंड में बना हुआ है। वायरल वीडियो में वे श्रीराम के हवाले से कह रहे हैं कि सीते अगर तुम्हे लगता है कि रावण से युद्ध मैंने तुम्हारे लिए लड़ा है तो यह तुम्हारी गलतफहमी है। यह युद्ध मैंने अपने कुल के सम्मान के लिए लड़ा है।

दृष्टि आईएएस कोचिंग के संस्थापक और संचालक विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वह यूपीएससी के पूर्व सदस्य, जेएनयू प्रोफेसर व लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल की पुस्तक संस्कृति : वर्चस्व एवं प्रतिरोध के रेफरेंस पर चर्चा के दौरान का है। दिव्यकीर्ति का कहना है कि उन्होंने खुद से कोई टिप्पणी नहीं की, टिप्पणी वाल्मिकी लिखित उत्तर रामायण के श्लोक को लेकर लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल की पुस्तक में की गई है।

विकास दिव्यकीर्ति ने अपने सफाई में वाल्मिकी रामायण और तुलसीदास कृत रामचरितमानस के कथित संदर्भ भी बताए हैं। उनका दावा है कि यह उत्तर रामायण का प्रसंग है। उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रोफेसर व लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल की संस्कृति : वर्चस्व एवं प्रतिरोध, में पेज 66 और 67 पर ऐसा कहा गया है। सीता के परित्याग वाली बात के संदर्भ में गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित महाभारत के द्वितीय खंड में पृष्ठ संख्या 218 और 219 का संदर्भ भी दिया है। श्लोक संख्या 13 का संदर्भ देते हुए लेखक अग्रवाल ने पुस्तक में टिप्पणी की है। इसी के संदर्भ से उन्होंने कक्षा में पढ़ाया था।

विकास दिव्यकीर्ति ने अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन-कार्य से की थी। डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपने पहले ही प्रयास में, साल 1996 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी। जिसके बाद इन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय में नियुक्ति मिली। लेकिन वहां पर ये ज्यादा समय तक काम नहीं कर पाए और एक साल बाद ही उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद इन्होंने साल 1999 में ‘दृष्टि आईएएस’ कोचिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की। दृष्टि आईएएस के यूट्यूब चैनल पर 70 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं इंस्टाग्राम पर उनके सात लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।