November 16, 2024

ऑफलाइन पढ़ाई से कतरा रहे बच्चे, भा रहीं ऑनलाइन शिक्षा-परीक्षा

Chandigarh/Alive News : कोविड महामारी की दो लहरों ने स्कूली बच्चों के रहन- सहन के साथ पठन-पाठन पर भी खासा असर डाला है। उन्हें अब स्कूल से ज्यादा ऑनलाइन शिक्षा-परीक्षा पसंद आ रही है। जिसका खासा परिणाम अब बच्चों में दिखने लगा है। अब बच्चे ऑफलाइन पढ़ाई व परीक्षा से कतराने लगे हैं। साथ ही अभिभावक भी तीसरी लहर की आशंका में बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते।

इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बच्चों की उपस्थिति शुरू के मुकाबले तो सुधरी पर निरंतर बढ़ने के बजाय 50 फीसदी पर आकर ठहर गई। नौवीं-बारहवीं के बच्चे दो माह बाद भी पचास फीसदी में से भी 45-50 प्रतिशत ही स्कूल पहुंच रहे हैं। चौथी से आठवीं के बच्चे 50 से 59 फीसदी के बीच अब तक स्कूल आए हैं।

चौथी से आठवीं कुल 14425 स्कूलों के 1095303 बच्चों में से 547647 बच्चों को विभाग स्कूल बुला रहा है, लेकिन 10 सितंबर तक सर्वाधिक 59 फीसदी बच्चों ने ही उपस्थिति दर्ज कराई है। नौवीं से बारहवीं के 3366 स्कूलों में 788061 बच्चे हैं। इनमें से 394026 को स्कूल बुलाया जा रहा, लेकिन 177231 ही बीते दस सितंबर को पहुंचे। इन कक्षाओं के बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से ऊपर नहीं जा पा रही।

जानकारी के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प खुला होने के कारण अनेक अभिभावक, बच्चों को स्कूलों में नहीं भेज रहे। बच्चे ऑनलाइन परीक्षा में आ रहे अधिक नंबरों से भी प्रभावित हैं। घर से जैसे मर्जी पढ़ाई करो या परीक्षा दो, पूछने वाला कोई नहीं। ऑफलाइन परीक्षा शिक्षकों की मौजूदगी में होने के कारण नंबर कम आते हैं, जिससे बच्चे स्कूल का रुख कम कर रहे। उनके मन में यह बात आ गई है कि भौतिक रूप से स्कूल जाएंगे तो परीक्षा भी कक्षा में बैठकर देनी होगी, इसलिए ऑनलाइन पढ़ाई अच्छी है। इससे स्कूली शिक्षा का बहुत नुकसान हो रहा है।