Faridabad/Alive News : उपायुक्त यशपाल ने कहा कि तंबाकू जानलेवा है, जिसकी वजह से प्रति वर्ष 80 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। आमजन को तंबाकू के नुकसानदायक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 31 मई को विश्व में तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का थीम है कमीट टू क्वीट अर्थात तंबाकू छोडऩे का संकल्प लें।
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार तंबाकू के सभी रूप हानिकारक है, अकेले सिगरेट में ही 7 हजार प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं, जिनमें कैडमियम, आर्सेनिक, बेजीन, लेड और नाईट्रेट आदि प्रकार के 60 से अधिक कैंसरजनक रसायन भी है। तंबाकू 20 से अधिक प्रकार के कैंसर का कारण बनता है। कैंसर से होने वाली मौतों में 30 प्रतिशत से अधिक कारण तंबाकू है। भारत में तंबाकू का प्रयोग करने वालों का प्रतिशत 28.6 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य व जिला फरीदाबाद के सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है। स्कूलों को तंबाकू मुक्त घोषित किया जा चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य नए तंबाकू प्रयोग करने वालों को रोकना है, ताकि बच्चे तंबाकू उत्पादों का प्रयोग नही करें तथा भविष्य में एक तंबाकू मुक्त समाज की कल्पना को साकार कर सके।
उपायुक्त यशपाल ने कहा कि व्यक्ति कोटपा कानून की किसी भी धारा का उल्लंघन नही करें। किसी भी नाबालिग को किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पाद नही बेचा जाए, दुकानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हुए हैं। जो भी तंबाकू उत्पाद बेच रहा है, उस पैकिंग के दोनों मुख्य भागों पर कम से कम 85 प्रतिशत हिस्से में नियम अनुसार चेतावनी दर्शाई गई हो। खुली सिगरेट नही बेची जाए। सभी होटल मालिकों से आग्रह है कि वे अपने होटल परिसर में धूम्रपान न करने दें और नियमानुसार चेतावनी बोर्ड भी लगाए। यदि कोई भी होटल मालिक अपने कमरों में या टेबल पर ऐश ट्रे उपलब्ध करवाता है तो यह समझा जाएगा कि वह अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान को बढ़ावा दे रहा है, जोकि कानून का उल्लंघन है, जिसकी वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।
उन्होंने सभी विभागों को अपने-अपने कार्यालयों में नियमानुसार तंबाकू मुक्त क्षेत्र का चेतावनी बार्ड लगाने के आदेश भी जारी किए हुए हैं। कोटपा 2003 कानून की धारा 4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना प्रतिबंधित है व इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान है। धारा-5 के अंतर्गत किसी भी तंबाकू उत्पाद का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष विज्ञापन नही किया जा सकता है और किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का प्रचार भी नही किया जा सकता, जिस पर जुर्माना व कैद का प्रावधान है।
धारा-6 के अंतर्गत किसी भी नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचने या उससे बिकवाने पर प्रतिबंध है। इस बारे सभी तंबाकू उत्पाद विक्रेता दुकानों पर बोर्ड लगाना भी अनिवार्य है, जिसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान है। इसी धारा के अंतर्गत किसी भी शिक्षण संस्थान की बाहरी सीमा के 100 गज के दायरे के भीतर तंबाकू उत्पाद बेचने पर प्रतिबंध है और उल्लंघन करने पर जुर्माना है।
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि धारा-7 के अनुसार किसी भी तंबाकूू उत्पाद के दोनों मुख्य भागों के 85 प्रतिशत हिस्से में चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए। ऐसी चेतावनी के बिना किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पादन बेचना प्रतिबंधित है और उल्लंघन पर सजा की जा सकती है, यदि कोई दुकानदार खुली सिगरेट बेचता है तो उस पर भी जुर्माना व कानूनन कैद का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि परोक्ष धूम्रपान यानि जब आपके द्वारा छोड़ा गया धुआं पास खड़े किसी व्यक्ति के शरीर में जाता है तो यह धुआं भी नुकसान करता है। प्रतिशत 12 लाख लोग जो स्वयं धूम्रपान नही करते, परंतू इसकी वजह से धूम्रपान के नुकसानदायक प्रभावों का शिकार बनते हैं और मौत को गले लगाते हैं। सभी को जिम्मेवार, जिम्मेदार बनकर न तो स्वयं धूम्रपान करेंगे और न ही किसी अन्य व्यक्ति को करने देंगे।