Lifestyle/Alive News: सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा पूरेआत्मविश्वास के साथ जीवन के हर चुनौती को पार करता हुआ सफलता का रास्ता तय करें। इसके लिए वो बच्चे के साथ कड़ी मेहनत भी करते हैं। बावजूद इसके कई बार जाने-अनजाने में परेंट्स बच्चों को कुछ ऐसी बातेंकह देते हैं, जो उनका कॉन्फि डेंस बढ़ाने की जगह कम करने लगती है।आइए जानते हैं बच्चों की परवरिश करते समय आखिर कौन सी हैं वो गलतियां, जिन्हें पेरेंट्स को करने से बचना चाहिए।
शारीरिक बनावट बच्चा सबसे ज्यादा अपने माता-पिता के साथ कंफर्टेबल फील करता है। यही वजह है कि मस्ती-मजाक में कही बातें, उसे जल्दी बुरी नहीं लगती हैं। लेकिन बार-बार जब पेरेंट्स बच्चे को दोस्तों या लोगों के सामने उसके रंग, वजन, ऊंचाई या शारीरिक बनावट के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां करते रहते हैं तो उसका आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है।
पढ़ाई के लिए ताना
बच्चों को उनकी पढ़ाई को लेकर ताना देनेवालेपेरेंट्स अक्सर यह भूल जातेहैंकि आपका ऐसा करना आपके बच्चेका मनोबल कमजोर बना सकता है। क्लास मेंअच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों के साथ अपने बच्चे की तुलना करना या चिढ़ाना उन्हें हतोत्साहित करके उनकी प्रगति में बाधा बन सकता है। याद रखिए, हर एक बच्चेकी अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं।
इमोशनल होनेके लिए ताना
हो सकता हैआपनेभी कई बार येताना अपनेरोतेहुए बेटे को दिया हो, कि लड़कियां रोती हैं,एक लड़का होकर लड़की की तरह क्यों रो रहेहो। पेरेंट्स को अपने बच्चे को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए। इस तरह के बयान बच्चे के सामने देने से आप ना सिर्फ लड़कियों को कमतर आंक रहे होते हैं बल्कि कम उम्र में ही लैंगिक रूढ़िवादिता को भी मजबूत करते हैं। लिंग की परवाह किए बिना, बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करना, आंसूबहाना, अपनेलिए निर्णय लेनेकी आजादी उपहास के डर के बिना दें।
खाने को लेकर ताना
कई पेरेंट्स अपने बच्चों को सिर्फ इस डर सेबार-बार खाना खाने से रोकते रहते हैं कि कहीं उनका बच्चा मोटा न हो जाए। लेकिन बच्चे दिनभर खेलते कूदते रहते हैं, जिसकीवजह से उन्हें बार-बार भूख लगती रहती है। अगर बच्चा कुछ खाना चाहता है तो उसे टोकने की जगह हेल्दी फूड जैसे दूध,नट्स,मौसमी फल जैसे चीजें खाने के लिए दें।