April 23, 2024

पूरे देश में छठ महापर्व की धूम, आज डूबते सूरज को दिया जाएगा अर्घ्य

New Delhi/Alive News: सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस वर्ष छठ पर्व की शुरुआत सोमवार को स्नान यानी नहाय-खाय के साथ हुई। इसके बाद मंगलवार को व्रतियों ने ‘खरना’ का प्रसाद ग्रहण किया। आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

राष्ट्रपति ने देशवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दी
राष्ट्रपति ने देशवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा, ‘छठ पूजा के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। यह पर्व प्रकृति, विशेषकर सूर्य व जल पर हमारी निर्भरता को स्वीकारने का भी अवसर है। मेरी कामना है कि यह त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत को सबल बनाने के साथ-साथ पर्यावरण-संरक्षण के हमारे प्रयासों को भी सुदृढ़ बनाए।’

नहाय-खाय के साथ शुरू हुई छठ पर्व की शुरुआत
छठ का पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। पर्व की शुरुआत सोमवार को स्नान यानी नहाय-खाय के साथ हुई। इसके बाद मंगलवार को व्रतियों ने ‘खरना’ का प्रसाद ग्रहण किया। खरना के दिन व्रती उपवास कर शाम को स्नान के बाद विधि-विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसी के साथ व्रती महिलाओं का दो दिवसीय निर्जला उपवास शुरू हो गया।

छठी मईया हर किसी को उत्तम स्वास्थ्य और सुख-सौभाग्य प्रदान करें- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूर्य की उपासना के त्योहार छठ के अवसर पर बुधवार को देशवासियों को शुभकामनाएं दीं तथा सभी के बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘सूर्योपासना के महापर्व छठ की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। छठी मईया हर किसी को उत्तम स्वास्थ्य और सुख-सौभाग्य प्रदान करें।’

अर्घ्य का समय और पूजा विधि
पूरे देश में आज लोग आस्था के महापर्व छठ की धूम है। आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठी मैया की पूजा आराधना की जाएगी। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों में मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा होती है। छठ के पर्व में उगते हुए और डूबते हुए सूर्य दोनों को अर्घ्य दिया जाता है। इस महापर्व को खासतौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी भारत में बहुत ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस पर्व की महत्ता अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि विदेशों में भी इसे बड़े धूमधाम ने मनाया जाता है।