रनिंग एक बिल्कुल साधारण सा वर्कआउट है, लेकिन इससे हमारे शरीर को बड़े फायदे होते हैं. रनिंग से न सिर्फ हमारी हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि ये बढ़ते वजन को कंट्रोल रखने और दिल की सेहत की लिए भी फायदेमंद है. इसमें किसी खास उपकरण की भी जरूरत नहीं होती. इसलिए कई लोगों की ये सबसे पसंदीदा एक्सरसाइज है.
ट्रेडमिल, स्पॉट रनिंग और बाहर खुले में ट्रैक पर दौड़ने को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है. क्या आप जानते हैं स्पॉट रनिंग हर इंसान के लिए सुरक्षित विकल्प नहीं है. आइए स्पॉट रनिंग से शरीर को होने वाले नुकसान आपको विस्तार से समझाते हैं.
जोड़ों में दर्द- स्पॉट रनिंग ज्यादातर घर में ही की जाती है. जब इसे ग्रेनाइट और मार्बल जैसी कठोर सतह पर किया जाता है तो इसमें ग्राउंड रिएक्शन फोर्स की कमी होती है. पैरों के जोड़ों पर इसका बुरा असर पड़ता है और यही कारण है कि कई लोगों को जोड़े का दर्द सताने लगता है.
मांसपेशियों में खिंचाव- जब आप लंबे समय तक किसी ठोस सरफेस पर दौड़ते हैं तो पैरों की मांसपेशियों पर स्ट्रेस बढ़ता है. इससे न सिर्फ जोड़ों को नुकसान होगा, बल्कि कूल्हे, जांघ और पिंडली की मांसपेशियां दुखने लगती हैं. इससे एड़ियों में भी दर्द बढ़ सकता है.
कैलोरी बर्न- एक्सपर्ट कहते हैं कि बाहर खुली हवा में दौड़ने से शरीर की ज्यादा कैलोरी बर्न होती है. वजन घटाने के लिए दौड़ने वालों के लिए यह फायदेमंद है. इसके विपरीत यदि आप वजन घटाने के लिए बंद कमरे में स्पॉट रनिंग कर रहे हैं तो इससे ज्यादा फायदा नहीं होगा.
एक्सपर्ट का कहना है कि आप चाहे बाहर दौड़िए या घर के अंदर, हर परिस्थिति में एफर्ट लेवल मेंटेन होना जरूरी है. आपके एफर्ट का अनुमान परिश्रम से लगाया जाता है, जिसका मतलब है कि आप किसी एक्टिविटी को कितना कठिन मानते हैं और आपका शरीर उस पर कैसा रिएक्ट कर रहा है. एक्सपर्ट कहते हैं कि बाहर ट्रैक पर दौड़ना स्पॉट रनिंग से ज्यादा मुश्किल है. खासतौर से बारिश और सर्दियों के मौसम में ये ज्यादा कठिन होता है.
स्पॉट रनिंग में इंजरी से बचने के लिए क्या करें? एक्सपर्ट के मुताबिक, स्पॉट रनिंग में इंजरी से बचने के लिए कुछ खास बातें ध्यान रखें. इसकी शुरुआत धीरे-धीरे करें और अपने तरीके दुरुस्त रखें. यदि आपको पहले से कोई इंजरी है तो स्पॉट रनिंग से बचें.
दौड़ने से पहले वार्म अप करने से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह अच्छा होगा और शरीर में लचीलापन आने से इंजरी या चोट लगने की संभावना कम होगी. आमतौर पर एक्सपर्ट 10 से 15 मिनट तक वॉर्न अप करने की सलाह देते हैं.
एक्सपर्ट कम्फर्टेबल जूतों के साथ दौड़ लगाने की सलाह देते हैं ताकि दौड़ते वक्त हमार एड़ियों को अच्छा सपोर्ट मिल सके. स्पॉट रनिंग करते वक्त ढीले कपड़े पहनें ताकि उसमें से पर्याप्त हवा पास हो सके.
कैसे पिएं पानी- रनिंग के दौरान आपका जितना भी वजन (Gram में) कम होता है, रनिंग के बाद उसका दोगुना पानी (ML में) आपको पीना चाहिए. आमतौर पर एक घंटे या इससे ज्यादा रनिंग करने वाले रनर्स अपने साथ पानी की छोटी बॉटल रखते हैं और प्यास लगने पर सिप लेते रहते हैं. रनर्स लंबी रनिंग के बाद स्पोर्ट्स ड्रिंक्स या नींबू पानी लेना पसंद करते हैं.