Faridabad/Alive News: अरावली में जल्द ही तोड़ फोड़ की कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा परंतु तोड़ फोड़ से खोरी गांव में स्थित सरकारी स्कूल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। असमंजस यह है कि क्या यह सरकारी स्कूल भी अरावली वन क्षेत्र में आता है और क्या इसे भी तोड़ा जाएगा। इस स्कूल से संबंधित जानकारी के लिए जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय की ओर से निगमायुक्त गरिमा मित्तल को पत्र लिखा गया है।
दरअसल, अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव को सुप्रीम कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए है। आदेशों के बाद खोरी गांव के लोगों के अंदर में एक ही सवाल आ रहा है कि अगर यह गांव अवैध है तो इसे बसने ही क्यों दिया गया और दिया भी गया तो वोट बैंक की राजनीति के लिए उन्हें सरकारी सुविधा क्यों मुहैया कराई गई । लोगों को मिल रही सरकारी सुविधा में हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित सरकारी स्कूल में शामिल है। इस सरकारी स्कूल में करीब 84 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे है और तीन जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति है।
खोरी में स्थित सरकारी स्कूल में करीब 84 बच्चें पढ़ते है ऐसे में यदि इस स्कूल को तोड़ा जाएगा तो इन बच्चों के भविष्य पर इसका असर देखने को मिल सकता है। खोरी में ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से कमजोर है और अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नही भेज पाते है। जिसे देखते हुए पिछली सरकार ने यहां स्कूल खोलने का निर्णय लिया। अब यह स्कूल लोगो में असंजस का कारण बना हुआ है।
फरीदाबाद पुलिस ने किया शक्ति प्रदर्शन
खोरी गांव में तोड़फोड़ को लेकर जहां पहले पुलिस प्रशासन तितर-बितर था वही आज पूरे दलबल के साथ फरीदाबाद पुलिस ने खोरी गांव में शक्ति प्रदर्शन तथा फ्लैग मार्च किया। इससे पहले पुलिस प्रशासन गांव के सभी चौक चौराहों तथा मुख्य रास्तों पर तैनात थी हालांकि पिछले कुछ दिनों में पुलिस की रणनीति में बदलाव देखने को मिले थे वही आज एक बार फिर से फरीदाबाद पुलिस का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला।
इस संबंध में जिला उपायुक्त से बात करने की कोशिश की गयी। लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। स्कूल को तोड़ा जाएगा या फिर बचाया जाएगा इस पर कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है।
क्या कहना है निगमायुक्त का
जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय से प्राथमिक पाठशाला को लेकर एक पत्र आया है। हमने उसे जिला उपायुक्त के पास भेज दिया है। इसके बारे में उपायुक्त ही बता पाएंगे।
-डॉ गरिमा मित्तल, निगमायुक्त