May 13, 2024

शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने, हिंदी माध्यम के स्कूल को भेजी अंग्रेजी की किताबें

Faridabad/Alive News : सरकार के हिंदी माध्यम के स्कूल में अंग्रेजी की किताबें पहुंचने से सरकारी अधिकारियों की लापरवाही सामने आयी है। इस सत्र में करीब छह माह बीतने के बाद सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को किताबें मिली थी, लेकिन वह किताबें भी उनके किसी काम की नही है। यह लापरवाही एनआईटी 1 मैन मार्केट के राजकीय प्राथमिक मिडिल स्कूल से सामने आई है। इस स्कूल में कक्षा छठी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए हिंदी की बजाए अंग्रेजी माध्यम की किताबें भेज दी गई है।

शिक्षक और विद्यार्थियों की बढ़ी परेशानी
शिक्षा विभाग अधिकारियों की लापरवाही के कारण न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि स्कूल शिक्षकों के लिए भी परेशानी की स्थिति पैदा हो गई। पिछले दो साल से कोरोना के कारण स्कूलों में किताबें नही पहुंच पाई थी। लेकिन इस बार शिक्षा का सत्र समय पर शुरू हो गया था। उसके बावजूद किताबें समय पर नहीं पहुंच पाई थी और अब फरीदाबाद के कुछ सरकारी स्कूलों में 4 माह की देरी से गलत किताबें पहुंची है। जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है।

जिम्मेदार ही बरत रहे लापरवाही
लेकिन इन सब के बीच खास बात तो यह है कि स्कूलों में किताबें भेजने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है। वह इसे महज खानापूर्ति ही समझ रहे हैं। किस स्कूल में किस माध्यम की किताबें भेजनी है, इसका उन्हें ज्ञान ही नहीं है। जिला शिक्षा विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों की अज्ञानता और लापरवाही का खामियाजा पिछले कई सालों से किताबों का इंतजार कर रहे कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।

क्या कहना है स्कूल प्रिंसिपल का
कुछ दिनों पहले ही जिला शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को एक लिंक भेजा गया था। जिसमें स्कूलों से बच्चों का ब्यौरा मांगा गया था। जो हमने उन्हें उपलब्ध करवा दिया। उसके बाद 10 12 दिन पहले ही स्कूलों में कक्षा छठी से आठवीं तक की किताबें पहुंची हैं। लेकिन जो किताबी स्कूलों में पहुंची हैं वह गलत है। राजकीय प्राथमिक मिडल विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें भेज दी गई हैं। जिससे हमारी परेशानी बढ़ गई है। हालांकि हमने किताबों को रिटर्न करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिख दिया है।

-सुनीता भाटिया, प्रिंसिपल- राजकीय प्राथमिक मिडिल विद्यालय।

क्या कहना है ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का
जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों को कोई गलत किताबें नहीं भेजी गई है। स्कूलों ने कार्यालय को जो डाटा दिया था, उसी के अनुसार स्कूलों को किताबें भेजी गई है। यही नहीं किताब सप्लाई करने वाले कर्मचारियों से भी हमारी बात हुई है। उन्होंने भी स्कूल डेटा के अनुसार ही किताबें स्कूलों में डिलीवर की है।

-मनोज मित्तल, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।