December 26, 2024

बाबाओं का बढ़ता साम्राज्य और बौनी पड़ती सरकारे…

Kurukshetra/Rakesh Sharma : हरियाणा प्रदेश एक ऐसा प्रदेश जिसका नाम सुनते ही हमारे आखों के सामने खेतों की हरियाली ओर भाईचारे की भावना से काम करने वालों लोगो की तस्वीर बन जाती थी लेकिन पिछले कुछ सालों से ना जाने किसकी नजर लग गई। हरियाणा को जी हां पिछले कुछ सालों में जो कुछ भी हरियाणा प्रदेश मेें हुआ, वह हर एक को शर्मशार करने वाला है आज हरियाणा कब धर्म जाति के नाम पर सुलझ जाये कोई नही जानता अभी जाट आन्दोलन की आग, कभी धर्म के नाम पर, तो कभी जात-पात के नाम पर ये हाल हो गये हैं खुशहाल हरियाणा के जिसका नाम बढ़े गर्व से लिया जाता था आज प्रदेश में कब छोटी घटना बढ़ा रूप लेकर शहर के शहर तबाह करदे कोई नही जानता ये सच्चाई है हमारे हरियाणा की।

हरियाणा में पहले भी जाट आन्दोलन के दौरान खुन के आसुं बहा चूका है इस आन्दोलन में ना जाने कितनी दूकाने कितने मकान कितनें लोगो की जान गयी ना जाने कितने करोड़ो की सम्पति का नुकशान हुआ केाई नही जानता ये हाल जब आखों के सामने आता है तो वह खौफनाक मंजर देखकर रूका नही जाता।

अभी हाल के कुछ सालों में हरियाणा कई बार आग में झुलसा ओर कई बार अपनों की लासों से गुजर कर आगे की ओर बढ़ा अभी रोहतक की आग बुझी भी नही थी कि पंचकूला मेंं 25 अगस्त को जो कुछ हुआ वह हमे शर्मशार करता है पेशी पर आये हुए बाबा को दोषी ठहराने के तुंरत बाद बाबा के समर्थकों ने पंचकूला को आग के हवाले कर दिया ओर फिर लोगो को याद आने लगी रोहतक कांड की फिर दोहराया गया ऐसा काडं जो पहले भी

मौतों पर हावी राजनीति
आखिर क्यों वोट रूपी आर्शीवाद पाने के लिए हमारे नेता इन बाबाओं के आगे नतमस्तक हो जाते है क्या हमारी जान ओर माल की रक्षा करने वाली सरकारें राजनीति के चक्कर में हमारी जान की बलि देते रहेगें। आज हरियाणा कब सुलझ जाये आज हरियाणा में कब कोई किसी के खुन का प्यासा हो जाये कोई नही जानता ऐसे हालातो को देखकर हमें अपने भविष्य अंधकार की ओर जाता दिखाई दे रहा है।

क्या बाबाओं को मिल रहा नेताओं का समर्थन
हरियाणा में बढ़ते बाबाओं का साम्राज्या किसके दम पर बढ़ता है किसके दम पर जुड़ती लाखों की संगत कहां से आता है इतना पैसा ये जानकर भी कोई नही जानता सरकार भी कोई अप्रिया घटना होने के बाद जागती है ओर जैसे ही मामला शांत होता है तो सो जाती है सरकार किसी भी दल की हो आम जन की सुरक्षा की पहल इन्ही सरकारों की है लेकिन ये अपनी राजनीति के लाभ से नेताओं केा कुछ दिखाई नही देता।
आखिर कब तक बाबाओं से वोट रूपी आर्शीवाद पाने के लिए नेता इनके दरबार में हाजिरी भरते रहेगे क्या अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर मेें हमारी ओर आपकी जान की बलि देते रहेगे बहुत हो गया अब तो होश में आइये ओर जितने भी प्रदेश में ऐसे बाबा है उन पर सख्त से सख्त कानून बनायें ओर दे दे उन्हे सजा ताकि हमारे आने वाला ये ना कहे हम उसी प्रदेश में रहते है जहां ना जाने कब किस वक्त आग लग जाये ओर सब कुछ राख हो जाये……..