Faridabad/Alive News : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हिसार का एविएशन हब मार्च से पूरी तरह संचालित हो जाएगा। उसके बाद हिसार को अमृतसर, श्रीनगर, जयपुर, इंदौर, अहमदाबाद, आगरा, वाराणसी, देहरादून, गया आदि शहरों तक धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से जोड़ा जाएगा।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में नागरिक उड्डयन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। दुष्यंत चौटाला के पास हरियाणा में नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी है। उन्होंने बताया कि आज की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में नागरिक उड्डयन से जुड़े कई विषयों पर चर्चा हुई है और सभी राज्यों ने अपनी सलाह तथा सुझाव दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जैसे पहले केंद्र सरकार का सहयोग रहा है, उसी प्रकार हरियाणा को नागरिक उड्डयन के क्षेत्र को विकसित करने में केंद्र जरूर सहयोग देगा।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले एक साल में दो बैठकें तथा एक संयुक्त वर्किंग ग्रुप की बैठक हैदराबाद में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने करवाई जोकि देश में नागरिक उड्डयन को नई ऊंचाइयां देने में एक कारगर कदम है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पांचों एयरस्ट्रिप पर काम शुरू हो चुका है और पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो एयरो स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाई, उसमें हरियाणा की महेंद्रगढ़ इकलौती ऐसी एयरस्ट्रिप है, जहां पर स्काईडाइविंग शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि जो ताजमहल पर भी स्काईडाइविंग की गई, उसको भी महेंद्रगढ़ से शुरू किया गया था, जोकि हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि आज की राष्ट्रीय कांफ्रेंस में सभी राज्यों ने नागरिक उड्डयन को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए अपने सुझाव दिए हैं। पहले जहां देश में 82 एयरपोर्ट थे वही आज इनकी संख्या बढ़कर 171 हो गई है। इन हवाई अड्डों को कैसे वायबल अर्थात व्यवहार्य बनाया जाए, कैसे इंटर-स्टेट ट्रांजिट को विकसित किया जाए, इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में यह भी चर्चा हुई कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) के सेंटर राज्यों में खुलने चाहिए। उन्होंने कहा की हरियाणा प्राथमिक राज्य में होगा, जो ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन का ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट अपने प्रदेश में खोलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि तत्काल आवश्यकता हुई तो हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी या वहां के पॉलिटेक्निक के साथ तालमेल करके बीसीएएस का कोर्स शुरू करवाया जाएगा।