New Delhi/Alive News : रूस और यूक्रेन के बीच करीब 2 महीने से तनाव चल रहा है। ऐसे में बुधवार को एक बहुत बड़ी राहत भरी खबर आई। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने क्रीमिया में अपने सैन्य अभ्यास की समाप्ति की घोषणा कर दी है। इसके बाद से सेना के जवान भी पीछे हटने लगे है। बता दें, कि दोनों देशों के बीच काफी लंबे समय से युद्ध की स्थिति बनी हुई है। ऐसा माना जा रहा था कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि रूस 16 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने को तैयार था। इसी बीच अमेरिका लगातार रूस पर ऐसा न करने का दबाव भी बना रहा था। इन सबके बीच बुधवार को सेना के पीछे हटने की खबर राहत लेकर आई।
यही नही जानकारी के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि क्रीमिया से सेना वापस आ रही है और वीडियो में टैंकों और सैन्य वाहनों को क्रीमिया से बाहर निकलते हुए भी दिखाया गया है। अधिकारियों ने दावा किया था कि अब सैनिक भी अपने स्थाई ठिकानों पर लौट आएंगे।
हालांकि, दोनों देशों के बीच युद्ध न हो इसके लिए अमेरिका भी लगातार प्रयास कर रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि रूस अब यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा और सैनिक भी पीछे हट रहे हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पुतिन के इस दावे को मानने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि 1.50 लाख से अधिक रूसी सैनिक अब भी यूक्रेन की सीमाओं के पास तैनात हैं। उन्होंने रूस से सेना की वापसी का सबूत मांगा था, जिसके बाद रूस की ओर से यह वीडियो जारी किया।
बेशक अभी युद्ध टलने की खबर आ रही है, लेकिन दोनों देशों के बीच अगर युद्ध होता तो इसका व्यापक असर पड़ता और इसकी कीमत पूरी दुनिया को चुकानी पड़ती। ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि रूस नेचुरल गैस का सबसे बड़ा सप्लायर है। क्रूड ऑयल उत्पादन में भी रूस का काफी हिस्सा है। युद्ध की वजह से इन दोनों की सप्लाई पर असर पड़ता और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी होती। यूरोप की निर्भरता तो रूस पर ही है। यूरोप के देशों को 40 फीसदी से ज्यादा गैस रूस ही सप्लाई करता है।