Faridabad/Alive News: पूर्व निगम कमिश्नर यशपाल यादव के आग्रह पर इंडियन ऑयल ने सीएसआर के तहत नगर निगम को कुछ माह पहले ही दान में कई टैक्टर दिए थे। लेकिन यह टैक्टर भी निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के भेंट चढ़ गए। दान में मिले टैक्टर की हिफाजत करने की बजाए अधिकारियों ने उन्हें भी जिले की समस्याओं की तरह भगवान भरोसे छोड़ दिया। जिसका खामियाजा आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं, इन सब के बीच हैरानी की बात तो यह है कि अधिकारियों ने आपसी सांठगांठ करके बिना किसी शर्त के नगर निगम के टैक्टरो को इकोग्रीन कंपनी के वेंडरों को सौंप दिया था। इस मामले की शिकायत जब विजिलेंस के पास पहुंची और विजिलेंस ने निगम अधिकारियों के खिलाफ उसकी जांच शुरू तो अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए इको ग्रीन कंपनी से ट्रैक्टरों को वापस मंगाकर निगम सभागार के सामने खड़ा दिया है।
दरअसल, इको ग्रीन कंपनी के वेंडरों द्वारा वापस लौटा दिए गए है, लेकिन नए टैक्टर खस्ताहाल हो चुके है। अधिकांश ट्रैक्टरों की लाइट टूटी हुई है, कई के बोनट को रस्सियों से बांधकर चलाया जा रहा है। आठ महीने में ही वेंडरों ने नए ट्रैक्टरों को कबाड़ बना दिया है।
बता दें, कि कूड़ा उठाने के लिए इंडियन ऑयल ने नगर निगम को छोटे बड़े 50 ट्रैक्टर दिए गए थे। इनमें से 25 छोटे ट्रैक्टरों काे नगर निगम में स्वच्छता अभियान का काम देख रहे है। जबकि अधिकारियों ने अन्य ट्रैक्टरों को बिना किसी सेवा शर्त और रजिस्ट्रेशन कराए ही उन ट्रैक्टरों को ईकोग्रीन कंपनी के वेंडरों को दे दिया। वेंडरों ने आठ महीने में ही ट्रैक्टरों की हालत खराब कर दी। निगम सभागार के पीछे खड़े 25 ट्रैक्टरों में से अधिकांश की हालत खराब हो चुकी है।
संबंधित मामले को लेकर नगर निगम व्हीकल एक्सईएन नितिन कादयान का कहना है कि वापस किए गए ट्रैक्टरों की जांच की जाएगी। जो भी खराबी होगी उसकी वसूली संबंधित कंपनी से ही की जाएगी।