November 16, 2024

दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर ने ओढ़ी धुंए की चादर

सांसों में घुल रहा जहर… दिल्ली-एनसीआर बेबस

Poonam Chauhan/Alive News : दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को ठेंगा दिखाते हुए जमकर आतिशबाजी की। दिल्ली-एनसीआर में पटाखा बैन के बावजूद भी ना तो पटाखे विक्रेताओं के जोश में कोई कमी दिखाई दी ना ही आतिशबाजी पर कुछ खास फर्क पड़ा। अतिशबाजी के कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर से प्रदूषित हो गई और धुंए की चाादर ने दिल्ली-एनसीआर को ढक़ा लिया। वहीं दिल्ली से सटे फरीदाबाद के प्रदूषण में पिछले साल के मुकाबले कमी देखने को मिली है। जहां पिछले साल प्रदूषण का आंकड़ा 436 माइक्रोन रहा, वहीं इस बार 306 माइक्रोन ही देखने को मिला।

दूसरी ओर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 10 गुना ज्यादा बढ़ गया। शहर के प्रदूषण निगरानी स्टेशन के ऑनलाइन संकेतक ने हवा की गुणवत्ता बहुत खराब बताई है, क्योंकि शाम करीब सात बजे पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हवा में तेजी से बढ़ गई। यह कण श्वसन प्रणाली में चले जाते हैं और ब्लडस्ट्रेम में पहुंच जाते हैं। वहीं दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी यानी डीपीसीसी ने सुबह छह बजे के जो आंकड़े जारी किए हैं उससे साफ होता है कि आतिशबाजी से दिल्ली की हवा बुरी तरह प्रदूषित हुई है। सुबह 6 बजे अलग-अलग जगहों पर प्रदूषण का स्तर अपने सामान्य स्तर से कहीं ज़्यादा ऊपर है, यहां तक कई जगहों पर यह 24 गुना से भी ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है। सुबह 6 बजे के आंकड़ों की बात करें तो पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से कहीं ज्यादा बढ़ा हुआ है।

पीएम 2.5 वह महीन कण हैं जो हमारे फेफड़े के आखिरी सिरे तक पहुंच जाते हैं और कैंसर की वजह भी बन सकते हैं। कुल मिलाकर पटाखों पर बैन लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की हवा को प्रदूषण मुक्त करना चाहा था, लेकिन दिवाली की अगली सुबह यह बताती है कि प्रदूषण का स्तर सामान्य से कहीं ज़्यादा बढ़ा हुआ है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी यानी डीपीसीसी और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड यानी सीपीसीबी दीवाली के बाद आने वाले आंकड़ो को लेकर चिंतत है।

– हवा में पीएम 2.5 का स्तर
स्थान                                                 बढ़ा हुआ स्तर                                                             गुणा
फरीदाबाद                                           306 माइक्रोन                                                            3 गुणा
इंडिया गेट                                           911 माइक्रोन                                                            15 गुना
आरके पुरम                                        776 माइक्रोन                                                             13 गुना
अशोक विहार                                     820 माइक्रोन                                                            14 गुना
आनंद विहार                                      617 माइक्रोन                                                             10 गुना

पीएम 2.5 का शरीर पर असर ?
सूक्ष्म आकार होने की वजह से यह आसानी से आपके फेंफडे तक पहुंच सकता है और इसके बाद ये खून के जरिए आपके हार्ट तक जा सकता है। इसके अलावा इसके आपके शरीर में जाने से कफ, नाक बहना और लगातार छींकने जैसी समस्या पैदा हो सकती है। यह हार्ट और फेंफड़े की बीमारी पैदा कर सकता है या ऐसा होने की स्थिति में उसे और खतरनाक बना सकता है। पीएम 2.5 की वजह से कमजोरी होती है और इससे दुनिया भर में हर साल 31 लाख लोगों की मौत होती है।

कैसे करें बचाव :
इससे बचने के लिए एन-95 मास्क पहनने की जरूरत है। एच1एन1 से बचने में इस मास्क का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में पीएम 2.5 को रोकने का एकमात्र उपाय इसके सोर्स को रोकना है, जहां से यह निकलता है। कार, कूड़े को जलाया जाना, थर्मल पावर प्लांट्स जैसी जगहों पर इसे वातावरण में मिलने से रोका जा सकता है।

– क्या कहते है प्रदूषण अधिकारी
फरीदाबाद में सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन से प्रशासन की चौकसी के बाद पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगी। जिससे फरीदाबाद का पोल्लुशन पिछले साल के मुकाबले इस साल एक गुणा कम रहा। इस कारण फरीदाबाद के लोगों का सहयोग भी कहा जा सकता है।
– डॉ.पी.के.दास, आरओ, डिविजन पोल्लुशन कंट्रोल बोर्ड ।