May 2, 2024

चार घंटे चली बैठक के बाद किसानों और प्रशासन के बीच बनी सहमति, आंदोलन पर लगा पूर्ण विराम

Chandigarh/Alive News : बसताड़ा टोल पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच हुई गहमागहमी पर आम सहमति से पूर्ण विराम लग गया है। वहीं सरकार 28 अगस्त को हुई घटना की हाईकोर्ट के पूर्व जज से न्यायिक जांच करवाएगी। जांच एक महीने में पूरी होगी। उस दौरान पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। हरियाणा सरकार मृतक किसान सतीश काजल के दो परिजनों को करनाल में डीसी रेट पर सेंक्शन पोस्ट पर नौकरी देगी। इसके बाद किसान नेता गुरनाम सिंह ने करनाल में लाठीचार्ज के मामले पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात तक अफसरों और किसानों की बैठक चली। सरकार के निर्देश पर किसानों से बातचीत करने के लिए शुक्रवार को कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह करनाल पहुंचे। जबकि किसानों की ओर से इस बैठक में भाकियू हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत पंद्रह सदस्यीय कमेटी के किसान नेता भी शामिल थे।

लगभग चार घंटे तक चली इस बैठक में किसानो ने वायरल वीडियो में लाठीचार्ज की बात कर रहे एसडीएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई, इस मामले की न्यायिक जांच, मृतक किसान सुशील काजल के आश्रितों को मुआवजा व नौकरी, और अन्य गंभीर घायल किसानों को मुआवजा इत्यादि की मांग पर किसान अड़े रहे। उधर, एसीएस देवेंद्र सिंह ने भी किसानों से हठधर्मिता छोड़कर इस समस्या के सकारात्मक हल की ओर बढ़ने की अपील की। इस पर किसानों नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार इस मामले की जांच करवाना चाहती है तो इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए। मुख्य सचिव के आदेश पर डीसी करनाल द्वारा जो जांच की जा रही है, उससे किसान संतुष्ट नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान किसानों को शांत करने के लिए इस प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने के लिए अफसरों का रुख सकारात्मक दिखाई दिया। प्रकरण की जांच रिटायर्ड न्यायाधीश से करवाई जा सकती है। लेकिन अभी इस बात की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। बैठक में अन्य मांगों पर भी अफसरों की ओर से रुख सकारात्मक दिखाई दिया।