Faridabad/Alive News: महामारी की दूसरी लहर में लोगों को दवाओं के लिए भी भटकना पड़ा था ऐसी कमियों को ध्यान में रखते हुए तीसरे लहर में बेहतर सुविधा देने के लिए प्रशासन काफी मुस्तैद है। स्वास्थ्य विभाग में प्रशासन ने इस दिशा में काम करने भी शुरू कर दिए हैं।सिविल सर्जन डॉ रणधीर सिंह पूनिया ने बताया कि जिले में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके लिए वर्क आर्डर हो चुके हैं। बी के सिविल अस्पताल में भी 1000 लीटर में 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। साथ ही सभी यूपीएससी व पीएचसी पर भी ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। प्रयास है कि सीएचसी, यूपीएससी में जितने भी बेड है। उन सभी को ऑक्सीजन बेड बनाया जाए।
महामारी की दूसरी लहर में ईएसआईसी को कोविड अस्पताल बनाया गया था वही तीसरी लहर की तैयारी करते हुए सिविल अस्पताल बीके को भी महामारी का अस्पताल बनाया जाएगा। महामारी की तीसरी लहर आती है तो बीके अस्पताल में आने वाले डिलीवरी व अन्य केसों को एफ आर यू वन सेक्टर 30 व एस आर यू टू सेक्टर 3 में शिफ्ट कर दिया जाएगा। यहां पर 200 बेड की सुविधा है और 102 बेड का अस्थाई अस्पताल बन रहा है ऐसे में यहां 300 बेड की सुविधा की जाएगी।
टीकाकरण की बढ़ेगी रफ्तार
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा इस समय उपलब्ध है। टीकाकरण को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त शासन लगाए जाने की योजना भी बनाई जा रही है। जिन केंद्रों पर जगह कम है उन्हें टीकाकरण के लिए जगह का इंतजाम करने के लिए कहा गया है। सेक्टरों के कम्युनिटी सेंटर में अन्य जगहों को टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
टेस्टिंग के भी बढ़ेगी रफ्तार
महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है। टेस्टिंग की जगह के इंतजाम के लिए भी तैयारी की जा रही है वही कुछ निजी संस्थानों की बिल्डिंग को भी इसके लिए चुना जा सकता है।
डोज का अंतर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ पुनीता हसीजा ने कहा कि तीसरी लहर की तैयारियों के लिए लगातार मीटिंग हो रही है। हर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम हो रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी सुझाव दिया है कि कौशल वैक्सीन के अंतर को कम किया जाए और वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाया जाए।
स्टाफ की कमी
सिविल अस्पताल बीके में स्टाफ की कमी देखने को मिल रही है। वहीं तीसरी लहर के मद्देनजर स्टाफ की कमी को भी पूरा करने का सुझाव दिया गया है साथ ही दबाव में जरूरी उपकरण की कमी को भी दूर करने की जरूरत है।