Faridabad/Alive News: एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि चिन्हित अपराधों के केसों की पैरवी पूरी तैयारी से करना सुनिश्चित करें। चिन्हित केसों के चालान न्यायालय में पुख्ता सबूत के साथ पेश करें तथा सबूतों के अभाव में कोई अपराधी न छूटे। एडीसी चिन्हित अपराध मामलों की समीक्षा बैठक में पुलिस विभाग के अधिकारियों और डीए कार्यालय से आए अधिकारियों को समीक्षा बैठक में जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि चिन्हित केसों के चालान न्यायालय में पुख्ता सबूत के साथ पेश करें। जिससे सबूतों के आभाव में कोई अपराधी क़ानून से बच न पाए। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों और जिला न्यायवादी को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि चिन्हित केसों की गवाही सही समय पर न्यायालय में पुख्ता सबूत के साथ सुनिश्चित करवाए।
एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि जिला फरीदाबाद में चिन्हित अपराध के तहत आने वाले मामलों की जांच पुलिस विभाग पूरी गहनता से कर रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि चिन्हित अपराधों में सुरक्षा समीक्षा, एससी-एसटी एक्ट, पोस्को सहित ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बारे उपायुक्त कार्यालय को अवश्य अवगत करवाया जाए। वहीं एडीसी ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे चिह्नित अपराध में कोर्ट में जाने से पहले अच्छी तरह जांच कर सनसनीखेज मामलों की रिपोर्ट बनाएं और उन पर पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही बारे उन्हें अवगत करवाया जाए।
इन केसों की जांच गहनता से करें
एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि पोक्सो एक्ट, 302, 307, 395, 376, 354, 304 बी, एनडीपीएस कमर्शियल, एमटीपी, पीसी एक्ट करप्शन मामले ये सभी चिह्नित अपराध के तहत आते हैं। ऐसे मामलों में गहनता से जांच कर केस अदालत में पेश किया जाये। कोई भी अपराधी कोर्ट में केस की मजबूती न होने के कारण बचकर नहीं निकलना चाहिए। कोर्ट में पेशी से पूर्व साक्ष्यों ओर तथ्यों की मजबूती सुनिश्चित की जाए। किसी मामले में अगर कोई पुलिस का जवान शहीद होता है, तो ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की देरी या कोताही न बरती जाए। एडीसी ने पुलिस को निर्देश दिये कि कोई मामला अगर चिन्हित अपराध में आता है, तो उस पर निष्पक्ष रूप से जांच की जाए, जांच के हर पहलू को बारीकी से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिन्हित अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। वहीं चिन्हित केसों के ऐसे अपराधी जो न्यायालय के भगौड़े हैं। उनको भी पकड़ कर पेश करना सुनिश्चित करें।