May 5, 2024

थाना प्रभारी व बैंक की मिलीभगत से एक परिवार आत्महत्या करने को विवश

थाने में घंटो बैठाकर परिवार को किया जा रहा परेशान

Faridabad/Alive News : एनआईटी थाना प्रभारी और आईसीआईसीआई बैंक के रिकवरी डिपार्टमेंट की मिलीभगत से एनआईटी का एक परिवार आत्महत्या करने को विवश है। इससे पहले भी आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर द्वारा अपने अधिकारों का दुप्रयोग करते हुए सन् 2014 में इसी परिवार की मुखिया को आत्महत्या करने के लिए विवश किया था। हाल ही में फिर से बैंक ने थाना एनआईटी प्रभारी के साथ मिलकर परिवार को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। इस मामले का खुलासा उपायुक्त को दिए एक शिकायत पत्र से हुआ है। 5जे/33ए निवासी किरण भाटिया ने उपायुक्त को अपनी शिकायत में बताया कि मैंने 150 वर्ग गज के एक मकान का फुल फाईनल एर्गीमेंट 16 अगस्त 2014 को गोविन्द राम से कराया था। हालांकि मैं इस मकान में 11 मार्च 2008 से रह रही हूं।

इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक की ओर से सन् 2014 से पहले कोई नोटिस या बैंक लोन की मुनादी नहीं कराई गई। करीब 6 साल बाद मेरे मकान पर बैंक की रिकवरी ब्रांच से एक अधिकारी आता है और वह सुधीर कुमार पुत्र नरेन्द्र कुमार के बारे में पूछताछ करता है, उसके बावजूद भी वह आईसीआईसीआई बैंक के लोन के बारे में कोई स्पष्ट नहीं बताता है। इस अधिकारी के जाने के बाद मेरे परिवार में मकान लोन को लेकर हडकम्प मंच जाता है और जांच के बाद आईसीआईसीआई बैंक से पता चलता है, कि इस मकान पर बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर सुधीर कुमार ने मकान की कीमत से ज्यादा कई गुना लोन लिया हुआ है। इस धोखाधड़ी की शिकायत मैंने 19 सितम्बर 2014 को थाना एनआईटी में सभी कागजात के साथ दी। लेकिन पुलिस ने न तो धोखाधड़ी करने वाले सुधीर कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकद्दमा दर्ज किया न ही बैंक से पुलिस ने इतने बड़े लोन की जांच की। बड़े मजे की बात तो यह है कि सुधीर कुमार ने बैंक लोन के बावजुद भी तेहसीलदार से मिली भगत कर फर्जी रजिस्ट्ररी करा दी। आखिरकार बैंक के लोन का भुगतान सात साल तक भी न होने पर बैंक चुप क्यों रहा? बैंक ने सुधीर कुमार को पहले ही लोन में डिफॉल्टर क्यों घोषित नहीं किया। जानकारों के अनुसार सुधीर कुमार ने 5एल/6 पर 65 लाख का लोन 50 साल के लिए आईसीआईसीआई बैंक से लिया हुआ है।

जोकि प्लॉट की कीमत के हिसाब से कई गुना ज्यादा है। इससे साफ होता है कि बैंक कर्मियों की मिली भगत से सुधीर कुमार को लोन दिया गया और आज उसी तर्ज पर पुलिस से मिलीभगत कर बैंक का रिकवरी विभाग किरण भाटिया के परिवार को मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा है। किरण भाटिया ने बताया कि उपायुक्त को दी शिकायत की एक-एक कॉपी उन्होंने आरबीआई के गर्वनर, भारत सरकार वित्त मंत्री, पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट मुख्य न्यायधीश, आईसीआईसीआई बैंक के मुख्य प्रबंधक, एसडीएम फरीदाबाद, पुलिस आयुक्त फरीदाबाद व थाना प्रभारी एनआईटी को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि थाना एनआईटी प्रभारी व आईसीआईसीआई बैंक के रिकवरी अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उसके परिवार में किसी ने आजतक आईसीआईसीआई बैंक से कोई लोन नहीं लिया है, इस सबके बावजूद भी मेरे परिवार को थाना प्रभारी व बैंक द्वारा घंटो थाने में बैठाकर दुव्र्यहार किया जा रहा है। आए दिन मेरे मकान पर पुलिस कर्मी भेजे जा रहे है, जिससे मेरा परिवार बड़े तनाव का जीवन यापन कर रहा है। ये सब परिस्थितियां पैदा कर मेरे परिवार को आत्महत्या के लिए विवश किया जा रहा है।