New Delhi/Alive News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की उच्चस्तरीय सीमिति ने देशभर की डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी में भी अब स्नातक और स्नातकोत्तर में दाखिले राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा की मेरिट से करना अनिवार्य कर दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के जैसे नियम अब डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी चलेंगे।
अब पार्लियामेंट एक्ट के तहत ही दाखिला, शिक्षक व कर्मियों की भर्ती में आरक्षण नियम लागू होंगे। फीस के मामले में पारदर्शिता बरती जाएगी। इसका प्रयोग व्यावसायिक और लाभ के लिए नहीं किया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर व सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए स्कॉलरशिप व कुछ सीटों पर दाखिले का प्रावधान करना होगा। खास बात यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत यूजी व पीजी प्रोग्राम में कम से कम पांच डिपार्टमेंट मल्टी-डिसिप्लिनरी, इंटीग्रेटिड, रिसर्च आदि पर काम करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की उच्चस्तरीय समिति ने डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के लिए यूजीसी रेग्युलेशन 2022 का ड्रॉफ्ट तैयार किया है। यूजीसी ने राज्यों और विश्वविद्यालयों को यूजीसी रेग्युलेशन 2022 भेज दिया है। यह यूजीसी रेग्युलेशन 2019 का स्थान लेगा और केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तर्ज पर डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी काम करेगी। किसी भी शहर के स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम में बहुविषयक, इंटीग्रेडिट रिसर्च पर कम से कम पांच डिपार्टमेंट में काम करने वाले संस्थान डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी का दर्जा पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा 3.01 सीजीपीए के साथ नैक ए ग्रेड, एनआईआरएफ रैंकिंग में लगातार तीन साल तक ओवऑल वर्ग में टॉप 100, किसी खास वर्ग में लगातार तीन साल टॉप 50 में शामिल होने वाले संस्थान भी इसके लिए आवेदन करने के लिए योग्य माने जाएंगे।
ऑनलाइन और डिस्टेंस मोड से नए नियमों के तहत अब डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन मोड और डिस्टेंस लर्निंग मोड से डिग्री और कोर्स की पढ़ाई शुरू करवा सकेंगी। हालांकि इन विश्वविद्यालयों को पहले यूजीसी से विषयों और प्रोग्राम को लेकर अनुमति लेनी होगी
वहीं यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि नए नियमों के चलते अब कोई भी डीम्ड यूनिवर्सिटी फीस और दाखिले में मनमानी नहीं कर पाएगी। राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा की मेरिट से प्रवेश और फीस में पारदर्शिता रखनी होगी। दाखिले, भर्ती में केंद्र सरकार के आरक्षण नियम लागू होंगे। सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप से लेकर लेकर कुछ सीट रिजर्व रहेंगी। नियमों का पालन नहीं करने पर मान्यता रद्द, ऑफ कैंपस की मान्यता रद्द, कोर्स व सीट में कटौती, दाखिले पर रोक के लिए जुर्माने का प्रावधान किया गया है।