Faridabad/Alive News: लंबित मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी यूनियनों के नेता और सरकार लामबंद है। दोनों के बीच चल रही खींचातनी से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। कर्मचारियों की हड़ताल से शहर के पॉश क्षेत्र से लेकर कॉलोनियों बाजारों और सड़कों पर कूड़े के ढेर लग गये हैं, गंदगी लोगों के बीच परेशानी का कारण बन रही है।
बता दें कि पिछले लगभग 7 दिनों से सफाई कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व दीपावली भी लोगों ने गंदगी के बीच मनाया। नियमित रूप से नालियों की सफाई नहीं होने से सेक्टर में सीवर जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। गंदगी और बदबू से लोगों का बुरा हाल है। उनका कहना है कि कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो जल्द स्मार्ट सिटी कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हो जाएगी।
इन क्षेत्रों के हैं हालात खराब
एनआईटी-86, ओल्ड फरीदाबाद, बड़खल, बल्लभगढ़ के लोग पहले केवल सीवर ओवरफ्लो और टूटी सड़कों की समस्या से परेशान थे, लेकिन अब इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्या बढ़ गई है। सड़कों पर जगह-जगह कूड़े के ढे़र लगे हुए है। बीच सड़क पर कूड़ा रहने के कारण आवारा पशु भी सड़क पर ही बैठते है। जो ट्रैफिक जाम का भी कारण बन रहे है और ये आवारा पशु वाहन चालकों पर हमला कर उन्हें घायल भी कर रहे है।
आगे बढ़ी हड़ताल
नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने 19 अक्टूबर से हड़ताल आरंभ की थी। हालांकि शुरुआत में 2 दिन की हड़ताल थी, लेकिन बाद में इसे 23 अक्टूबर तक बढ़ा दिया। सरकार द्वारा ठोस कदम ना उठाने पर कर्मचारियों ने हड़ताल को 29 अक्टूबर तक बढ़ दिया है। कर्मचारी नेता नरेश शास्त्री ने बताया कि सरकार जब तक कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं करती या फिर बातचीत नहीं होती प्रदर्शन जारी रहेगा।
क्या कहना है लोगों का
एक तरफ शहर के लोग गंदगी से परेशान हैं, वहीं सरकार जन उत्थान रैली कर रही हैं, जन प्रतिनिधियों को सफाई कर्मचारियों से बातचीत कर प्रदर्शन समाप्त कराने की आवश्यकता है।
-विशाल सिंह, स्थानीय निवासी, जीवन नगर पार्ट-2
कर्मचारियों के प्रदर्शन से शहर के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, गंदगी लोगों के बीच बीमारी का कारण बन रही है, जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो शहर कूड़े के ढ़ेर में बदल जाएगा।
-शिव सिंह मलिक, प्रधान, आरडब्ल्यूए सेक्टर-8