Chandigarh/Alive News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद भी हरियाणा में खनन माफिया और तेजी से अपने कार्य को अंजाम दे रहे है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह खुफिया एजेंसियों को जिला इकाइयों से अवैध खनन के पुख्ता इनपुट मिले थे, जिनके आधार पर पंचकूला और नूंह जिले में कार्रवाई भी की गई लेकिन खुफिया रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम, पलवल, नूंह, फरीदाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़ और पंचकूला में अवैध खनन जोरों पर है।
जानकारी के मुताबिक बेलगाम खनन माफिया अरावली के अलावा पंचकूला, भिवानी और महेंद्रगढ़ में रोजाना करोड़ों रुपये की खनन सामग्री अवैज्ञानिक और अवैध तरीके से निकालकर पूरे प्रदेश में सप्लाई कर रहा है। इस खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियां अब अवैध खनन कराने वाले बड़ी मछलियों का डाटा जुटाने में लगी हैं।
बता दें, कि एनजीटी के बीते 26 अगस्त के आदेश से उम्मीद बंधी थी कि अवैध खनन पर लगाम कसेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। खान एवं भूगर्भ विभाग और पुलिस अवैध खनन को रोकने में कामयाब नहीं हो पाई है। मुख्य सचिव ने अगस्त महीने में डीसी को अवैध खनन के खिलाफ खुद मोर्चा संभालने के निर्देश दिए थे, जिनका असर अभी तक धरातल पर नहीं हुआ है।
एनजीटी के आदेश के बावजूद न तो अवैध खनन में संलिप्त ठेकेदारों से रिकवरी हुई, न ही खनन माफिया को संरक्षण देने वाले बेनकाब हुए। जिन खनन कंपनियों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए थे, वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी हैं।
खान एवं भू-गर्भ मंत्री मूल चंद शर्मा के अनुसार 1 जुलाई से 15 सितंबर तक नदियों में खनन कार्य बंद था। 16 सितंबर से खनन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। खनन पट्टे आवंटित करने का काम जल्द पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह में 2100 हेक्टेयर में खनन कार्य शुरू करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट से मांगी है, जिस पर अभी आदेश आना बाकी है। फरीदाबाद, गुरुग्राम में 2002 और नूंह में 2009 से खनन कार्य बंद है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश पर अमल शुरू कर दिया है। अवैध खनन के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों से जुर्माना वसूला जाएगा। विशेषज्ञों की टीम जुर्माने का आकलन कर रही है।