Faridabad/Alive News: सोशल एक्टिविस्ट आर.के भारद्वाज की याचिका पर फैसला लेते हुए न्यायालय ने फरीदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश पुलिस कमिश्नर फरीदाबाद को दिये हैं। मामला 2005 का है जिसमें वर्तमान शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी धन का इस्तेमाल अपने निजी कार्यों के लिए किया है। उधर, जिला शिक्षा अधिकारी ने लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है।
दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट आर.के भारद्वाज ने शिक्षा विभाग में गबन के मामले में सभी तथ्यों के आधार पर न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें न्यायालय ने लगाए गए आरोपों की जांच कराने के बाद फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी कर कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी पर एफआईआर दर्ज की जाए।
मुनेश शिक्षा विभाग में जब से कार्यरत हैं तब से लेकर अब तक उन्होंने सरकार द्वारा भेजे गए सरकारी धन को अपने निजी कार्यों के लिए खर्च किया है और इसका रिकॉर्ड भी जिला शिक्षा कार्यालय से गायब करवा दिया है। आरटीआई एक्टिविस्ट आर.के भारद्वाज के वकील ऋषिपाल ने बताया कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ अगस्त माह में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने संबंधित मामले में संज्ञान लेते हुए 6 सितंबर को पुलिस कमिश्नर को एफआईआर दर्ज कर मामले के जांच के आदेश दिए हैं।
वकील ऋषिपाल ने कहा कि सरकार ने सन 2005 से लेकर 2020 तक सरकारी स्कूलों के क्लास रूम के मेंटेंस, लड़कियों की शिक्षा, बच्चों के हॉबी क्लास, टीचर ट्रेनिंग और अन्य कार्य के लिए करीब 27 लाख रूपये भेजे थे। लेकिन मुनेश ने इन पैसों को बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने की बजाए अपने निजी कार्यों को पूरा करने के लिए खर्च किया है। इसके अलावा ऋषिपाल ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी के खिलाफ जो भी अधिकारी कार्यवाही करने की कोशिश करता है, उसका या तो तबादला हो जाता है या फाइल ही बंद हो जाती है।
क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
इस मामले को लेकर सरकार और शिक्षा विभाग पहले भी मेरे ऊपर इंक्वारी बैठा चुके है। जिसमें मुझे क्लीन चिट मिली थी। आर.के भारद्वाज द्वारा मेरे ऊपर लगाए जाने वाले सभी आरोप निराधार है।
–मुनेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी।