November 23, 2024

सड़क हमारी है : आवारा पशु सड़क पर, यातायात प्रभावित

Faridabad/Alive News : शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या अधिक होने से यातायात प्रभावित हो रहा है और आए दिन दुर्घटनाए हो रही हैं। जिले में मुख्य मार्ग हो या फिर सेक्टर, कालोनी की सड़क हर जगह आवारा पशुओं का जमावड़ा देखने को मिल जायेगा। इन बेखौफ आवारा पशुओं की संख्या सड़कों पर बढ़ने से दुर्घटनाए तो होती ही हैं, इसके अलावा ये मवेशी आपस में लड़ते हैं तो इसका खामियाजा वाहन चालक और राहगीर को कई बार अपनी जान गवाकर चुकाना पड़ रहा है। इस अपराध के कुछ हद तक दोषी शहर के लोग भी है जो गाय जैसे पशु का दूध दुहकर उसे सड़क पर छोड़ देते है। नगर निगम आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए समय-समय पर अभियान चलाता रहता है फिर भी सड़कों से मवेशियों की संख्या कम नहीं हो रही।

दूध दुहकर करते किनारा
पशु पालक जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो बछड़े को शहर की गलियों में छोड़ देते हैं। ये बछड़े सड़कों पर फलों के छिलके व सड़ी-गली सब्जियां खाकर इधर-उधर मुंह मारते फिरते हैं। शहर की सब्जी मंडी में इन मवेशियों का इतना खौफ है कि लोग बेहद चौकन्ने होकर ही सब्जी मंडी का रुख करते हैं। थोड़ी सी नजर हटते ही ये या तो सामान का थैला छीन लेते हैं या फिर पीछे से सींग मार देते हैं। यह नजारा शहर की प्रत्येक सब्जी मंडी और सड़कों का है।

आए दिन होते हैं हादसे
आवारा पशुओं के आतंक से राहगीर व स्थानीय निवासियों में खौफ का माहौल है। ये आपस में लड़ कर या फिर सींग मार कर किसी को भी चोटिल कर देते है। इतना ही नहीं ये स्वयं भी आए दिन शहर के कई हिस्सों में खुल पड़े नालों व खुले मैनहोल आदि में गिरकर चोटिल होते रहते हैं।

सड़कों व चौराहों पर जमावड़ा
शहर की सड़कों व चौराहों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। रात्रि के समय गायें सड़कों व चौराहों पर झुण्ड के रूप में बैठ जाती हैं। इसके चलते दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। वहीं इनके सड़कों व चौराहों पर झुण्ड के रूप में बैठने से गंदगी भी फैलती है, जो कि सफाई कर्मियों व स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती हैं।

क्या कहना है शहर के लोगों का
पवन कुमार, राजेश, प्रवीन, प्रीतम और हरी ने सयुंक्त रूप से बताया कि लोग पशुओं को सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं, जोकि गलत है। कुछ लोग गाय का दूध पीते हैं और जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसके बाद उसे सड़क पर छोड़ देते है। यही पशु सड़कों पर घूमते रहते हैं और कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इसके साथ ही आवारा पशु शहर के सौन्दर्यकरण के लिए भी खतरा है।

कानूनी रूप से दंड का प्रावधान
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति किसी पशु को आवारा छोड़ कर जाता है तो उसको दंडित किया जा सकता है। साथ ही क्षेत्र में आवारा विचरण करने वाले पशुओं की समस्या से लोगों को निजात दिलाने की जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है। आवारा गाय के लिए सरकार की ओर से गौशालाएं खोली गई है। सरकार द्वारा इनकी देखभाल के लिए शहरी निकाय को धन राशि भी मुहैया कराई जाती है।

क्या कहते है अधिकारी
नगर निगम का काम आवारा पशुओं को पकड़ना है। जो पशु बीमार होते हैं उनका उपचार करते हैं। इसके बाद पशुओं की टेगिंग करके उन्हें गौशाला में छोड़ना होता है।
डॉ विनोद दहिया, एसडीओ, पशु पालन विभाग नगर निगम फरीदाबाद।