November 23, 2024

सरकारी आदेश के बाद स्कूल यूनिफार्म माफिया को लगा तगड़ा झटका

Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad:
नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही लोगों में स्कूल यूनिफार्म लेने की होड़ मची हुई है। लोग बच्चों की यूनिफार्म लेने के लिए घंटो लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मौजूदा सरकार ने लोगों की इस परेशानी को थोड़ा कम कर दिया है। हरियाणा शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए मुश्किल को आसान कर दिया है। अब जुलाई 2022 तक सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों को बिना स्कूल यूनिफार्म के जाने की छूट मिल गई है। स्कूल संचालक बच्चों को यूनिफार्म के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।

सरकार द्वारा अभिभावकों को राहत देना अच्छी खबर है लेकिन सोचने वाली बात यह है कि ये आदेश देने में सरकार ने इतना अधिक समय क्यों लिया। अंदेशा यह लगाया जा रहा है कि स्कूल के दबाव में आकर अभी तक पचास प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों की ड्रेस खरीद है। सरकार का कार्य मात्र आदेश देना नहीं बल्कि उनका सख्ती से पालन भी करवाना है। बीते दिनों सरकार ने स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लगाने का आदेश दिया जो कि ठंडे बस्ते में जाता हुआ नजर आ रहा है।

स्कूल संचालकों ने बिना किसी डर के प्राइवेट बुक पब्लिशर की ही किताबें स्कूलों में लगवाई जिससे वह कमीशन कमा सकें। लेकिन सरकारी अधिकारी सब कुछ देखते हुए भी मौन रहे। इसके साथ ही स्कूल संचालकों ने स्कूल फीस भी बढ़ाई लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पाई अब देखना यह है कि यह आदेश कितना कारगर साबित होता है। अभिभावकों को इससे राहत मिलती है या फिर स्कूल संचालक इसे भी दरकिनार कर देंगे। वर्दी को लेकर शिक्षा विभाग को अभिभावकों की ओर से सूचित किया गया था जिस का ध्यान रखते हुए शनिवार को यह आदेश जारी कर दिए गए हैं। सभी डीईओ और डीईईओ को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सूचित कर दिया गया है।

शिक्षा मंत्री का आदेश
कोरोना के बाद पहली बार ऑफलाइन सत्र शुरू हो रहा है वर्दी को लेकर बाजार में अफरा-तफरी का माहौल है। अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुलाई 2022 तक बच्चों को वर्दी न पहनने की छूट दी गई है।

क्या कहते हैं अभिभावक
बच्चों की कॉपी किताब के साथ ही हमने तो ड्रेस भी खरीद ली, अगर ऐसा कोई आदेश आया है तो पहले आना चाहिए था, जिससे हमें थोड़ी राहत तो मिलती।
-सुमन, अभिभावक।

स्कूल वाले किसी की नहीं सुनने वाले हमें वर्दी तो लेनी ही होगी चाहे सरकार कुछ भी कहे, अधिकारी भी इन से मिले रहते हैं

-विपिन, अभिभावक।

सरकार फीस माफ करवाती, किताबों में छूट दिलवाती तो समझ आता लेकिन आज नहीं तो कल बच्चे ड्रेस तो पहनेंगे ही फिर यह कैसी राहत हुई।

-योगेश, अभिभावक।

सब अभिभावकों ने वर्दी डर से या कैसे भी ले ली है। स्कूल और अधिकारियों की मिलीभगत है। फीस बढ़ा दी है फॉर्म-6 जमा नहीं कराया लेकिन कोई चेकिंग नहीं हुई। यह आदेश पहले आना चाहिए था ताकि अभिभावकों को इसका लाभ हो सके।
-कैलाश शर्मा, प्रदेश महासचिव, अभिभावक एकता मंच।

क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
सरकार के द्वारा बहुत अच्छा डिसीजन लिया गया है। जिन्होंने अभी तक ड्रेस नहीं ली है उनके लिए राहत है। यूनिफॉर्म एक डिसिप्लिन है लेकिन सरकार ने राहत दी खुशी की बात है। सरकार के पास शिकायतें गई तब सरकार ने अभिभावकों के बारे में सोचा और यह आदेश जारी किया।

-रितू चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी।