New Delhi/Alive News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर कथित तोड़फोड़ और उपद्रव की एसआईटी से जांच की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को 2 सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इससे पहले पुलिस की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने याचिका का विरोध किया था। पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने पंजाब में हुई प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में भी वायरस नामक संगठन ने याचिका दाखिल की थी। उन्होंने यह दलील तब दी जब याचिका दाखिल करने पर सवाल उठाया गया। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर कथित उपद्रव पर स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज की है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि चिंताओं के समाधान के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री के आवास के साथ ही मुख्य सड़कों के आसपास लगे कैमरों से सीसीटीवी फुटेज समेत सभी सबूत संरक्षित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच चल रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सौरभ भारद्वाज ने वकील भारत गुप्ता की ओर से दायर की याचिका में एसआईटी से कथित घटना की जांच कराने का अनुरोध किया और दलील दी कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस की गुपचुप मिलीभगत से तोड़फोड़ की गई। भारद्वाज ने इस घटना की एसआईटी से जांच की मांग को लेकर के हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। पुलिस ने मामले में नोटिस जारी नहीं करने का आग्रह करते हुए पहले से कहा था कि वह सीलबंद जांच रिपोर्ट पेश करेगी।
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा कि सभी सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित किया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। गौरतलब है कि गत बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा इकाई ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर केजरीवाल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके आवास के बाहर कथित तौर पर उपद्रव किया था। इसके बाद वहां कुछ बैरियर और सीसीटीवी क्षतिग्रस्त पाए गए थे।