November 24, 2024

डॉ अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्यवाही: आईएमए

Faridabad/Alive News: 27 मार्च 2022 को डॉ अर्चना शर्मा ने आनंद हॉस्पिटल में एक महिला का ऑपरेशन किया और उसके बाद जब उस पेशेंट को पीपीएच नामक कॉम्प्लिकेशन की वजह से ब्लीडिंग हुई तो उन्होंने अपनी जी जान लगा कर बचाने की कोशिश की, लेकिन असमर्थ रही। मरीज के घरवाले अपने मरीज को बिना पोस्टमार्टम कराए अपनी मर्जी से घर ले गए।

लेकिन घर पहुंचने पर कुछ स्वार्थी तत्वों ने उन्हें भड़काया और लालच दिलाने की कोशिश की और कहा कि आप शव को नर्सिंग होम के आगे ला कर रख दीजिए । इस प्रकार दबाव डालने की कोशिश की गई।  स्वार्थी और शरारती तत्वों के दबाव में पुलिस ने डॉ अर्चना शर्मा के खिलाफ दफा 302 में केस दर्ज कर दिया।

डॉक्टर सुरेश अरोड़ा ने बताया कि इसके पश्चात डॉ अर्चना शर्मा इतनी ज्यादा दबाव में आ गई, कि उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखकर अपने आप को खत्म कर लिया। इस सुसाइड नोट में उन्होंने यह लिखा कि मैं इनोसेंट हूं मेरे बच्चों को मेरे परिवार को कुछ ना कहा जाए और इनोसेंट डॉक्टर की रक्षा की जाए। यह एक कॉम्प्लिकेशन है जिससे कि मरीज की मौत हुई है।

डा पुनीता हसीजा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार किसी भी डॉक्टर के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज करने से पहले एक सरकारी अथॉरिटी से इन्वेस्टिगेशन होने के बाद ही एफ आई आर दर्ज की जा सकती है और 302 के तहत एफआईआर हो ही नहीं सकती क्योंकि 302 के तहत मर्डर केस की एफआईआर . होती है जो कि एक प्रीमेडीटेटेड मर्डर होता है।

इस केस के पुलिस अधिकारी व उनके सीनियर्स को बिल्कुल भी इस बात की जानकारी शायद नहीं थी या वह बहुत ज्यादा दबाव में थे, जिस वजह से उन्होंने 302 की धारा लगाकर डॉ अर्चना शर्मा को प्रताड़ित किया। जिससे कि वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गई।
हमारी मांग है की संबंधित पुलिस अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाए।