New Delhi/Alive News: भाजपा पंजाब में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत 5 जनवरी को संभावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के साथ करेगी। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री की पंजाब में यह पहली रैली होगी। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने गुरु नानक जयंती पर तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के सैटेलाइट केंद्र के उद्घाटन का है। इसके बाद वे एक रैली को संबोधित करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस रैली में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींढसा भी भाग लेंगे।
इन दोनों ने सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर सीट बंटवारे पर बात की थी। भाजपा पंजाब चुनाव में वरिष्ठ सहयोगी के रूप में भाग लेगी। उसके आधे से अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारने की संभावना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस रैली में पंजाब के चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के भी भाग लेने की संभावना है।
जानकारी के भाजपा चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करेगी और देश में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप के फैलाव के मद्देनजर वर्चुअल चुनावी रैलियों के लिए तैयार है। मीडिया से उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग स्वास्थ्य सचिव और विशेषज्ञों के साथ देश में महामारी के हालात पर मशविरा कर रहा है।
आयोग चुनावी रैलियों के संबंध में निर्णय लेगा तो हम उसका पालन करेंगे। कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान हम पश्चिम बंगाल के चुनाव के दौरान वर्चुअल चुनावी रैलियां कर चुके हैं। महामारी के दौरान जब अन्य राजनीतिक दल निष्क्रिय थे, तब भी भाजपा वर्चुअल प्लेटफॉर्म से बूथ स्तर तक सक्रिय थी।
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भाजपा पर विधानसभा चुनाव से पहले डर फैलाने के आरोप के मामले में उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि वे शायद आम आदमी पार्टी की ओर इशारा करना चाहते थे, जिसकी सरकार ने दिल्ली में यलो अलर्ट जारी कर तमाम पाबंदियां थोप दी हैं।