November 17, 2024

एम्स के बाद दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भी डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल

New Delhi/Alive News: नीट-पीजी काउंसलिंग में विलंब के विरोध में दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते लोगों को परेशानी हो रही है। इस बीच मरीजों की परेशानी को देखते हुए पश्चिमी दिल्ली स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में रेजिडेंट डाक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया और बुधवार सुबह से ही ओपीडी में डाक्टर मौजूद हैं। बुधवार सुबह ही गीता कालोनी स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय का गेट बंद है, जिस कारण बाहर खड़े मरीज और तीमारदार परेशान हैं।

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकाल रहे रेजिडेंट डाक्टरों को पुलिस हिरासत में लेने और उन पर एफआइआर दर्ज करने से गुस्साए डाक्टरों ने मंगलवार को अधिकतर अस्पतालों में ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दीं। इससे राजधानी दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं, यह स्थिति बुधवार को भी बरकरार है।

इससे पहले मंगलवार को किसी भी अस्पताल में भर्ती न किए जाने के कारण स्वजन ने निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराया। लोकनायक, जीबी पंत, राम मनोहर लोहिया, कस्तूरबा गांधी, हिंदू राव, बालकराम और लेडी हार्डिग मेडिकल कालेज से संबद्ध कलावती सरन और सुचेता कृपलानी अस्पताल में भी डाक्टरों ने काम नहीं किया। कई मरीजों की सर्जरी भी टाल दी गई। वरिष्ठ डाक्टरों ने भी कम मरीजों को देखा।

यमुनापार में अभी तक हड़ताल का असर जीटीबी अस्पताल तक सीमित था, लेकिन पुलिस कार्रवाई से भड़के डाक्टरों ने स्वामी दयानंद और चाचा नेहरू अस्पताल में भी काम ठप कर दिया। गीता कालोनी स्थित चाचा नेहरू अस्पताल में मुख्य द्वार ही मरीजों के लिए बंद था। जीटीबी में पिछले दस दिन से लगभग 40 फीसद क्षमता के साथ डाक्टर ओपीडी में बैठ रहे थे। मंगलवार को इसे भी बंद कर दिया गया। स्वामी दयानंद अस्पताल में ओपीडी के साथ गाइनी के मरीजों को भी भर्ती नहीं किया गया।

उधर, अंबेडकर, संजय गांधी, वाल्मीकि और राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में भी रेजिडेंट डाक्टरों ने काम नहीं किया। डाक्टरों ने इन अस्पतालों में बुधवार को पूरी तरह हड़ताल का ऐलान किया है। इसके लिए अस्पताल परिसर में नोटिस भी लगा दिए गए हैं। हरिनगर स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डाक्टरों की हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखा। यहां वरिष्ठ चिकित्सक के साथ ही कंसल्टेंट भी चिकित्सा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

वहीं, एम्स में स्वास्थ्य सेवाएं समान्य रहीं। उधर, फोर्डा के अध्यक्ष डाक्टर मनीष ने बताया कि डाक्टरों पर दर्ज केस वापस लेने और नीट-पीजी काउंसलिंग शुरू होने तक हड़ताल जारी रहेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक में फिलहाल इस पर सहमति नहीं बन सकी है। डाक्टरों के साथ हुई घटना को लेकर आल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन ने भी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर विरोध जताया है।

एम्स आरडीए ने वापस ली हड़ताल
एम्स रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की। इसमें जल्द ही नीट-पीजी की काउंसलिंग शुरू कराने के आश्वासन पर बुधवार को प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया गया है।