Mumbai/Alive News : सीबीआई ने वसूली कांड में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को एक कथित रिपोर्ट के मुताबिक क्लीनचिट दे दी है। वहीं सीबीआई की कथित रिपोर्ट कितनी सटीक है अभी कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस कथित रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने वसूली कांड में अनिल देशमुख को यह कथित क्लीनचिट प्रारंभिक जांच के बाद दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई की कथित रिपोर्ट के बारे में कहा गया है कि अनिल देशमुख के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर सीबीआई ने प्रारंभिक जांच में अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी थी तो फिर उनके खिलाफ बाद में एफआईआर क्यों दर्ज की गई। सीबीआई की कथित रिपोर्ट को डीएसपी आरएस गुंज्याल ने तैयार किया है। इस रिपोर्ट में अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों के हर पहलुओं पर चर्चा की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच की कार्रवाही
कांग्रेस ने दावा किया है कि वसूली केस की जांच कर रही सीबीआई ने अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी है। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि सीबीआई के जांच अधिकारी (आईओ) को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की कोई भूमिका नहीं मिली है और जांच बंद कर दी, कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने जांच अधिकारी की रिपोर्ट को अवहेलना करने के लिए सीबीआई द्वारा की गई ‘साजिश’ की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
इतना ही नहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। जबकि कथित रिपोर्ट में साफ तौर पर इस बात का जिक्र किया गया है कि सचिन वाजे और अनिल देशमुख के बीच किसी भी तरह की मीटिंग या मुलाकात नहीं हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हर मीटिंग में सचिन वाजे के साथ परमबीर सिंह जरूर रहते थे।