November 23, 2024

खोरी तोड़फोड़ की कार्यवाही से जमीन मालिकों को 20 अगस्त तक मिली राहत

Faridabad/Alive News : सुप्रीम कोर्ट ने तीन अगस्त को खोरी मामले पर सुनवाई करते हुए कुछ भूमि मालिकों को राहत प्रदान की थी, जो अब 20 अगस्त तक बढ़ा दी गयी है। इनकी जमीन खीरी वन क्षेत्र में आने के कारण नगर निगम ने इन जमीन मालिकों को नोटिस जारी किया था। हालांकि इन भूमि मालिकों का दावा है कि उनकी जमीन वन क्षेत्र में नहीं है। इन जमीनों पर शादी व अन्य समारोहों का आयोजन होता है।

मिली जानकारी के अनुसार फरीदाबाद नगर निगम ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई टालने के लिए आवेदन किया था। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने इन याचिकाकर्ता के प्रतिवेदनों पर विचार करने के लिए कहा था। मेहता ने बताया कि उनके प्रतिवेदनों पर विचार किया जा रहा है। यह जांच की जा रही है कि इन सभी की जमीन वन क्षेत्र में है या नहीं? मेहता ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई 20 दिनों के बाद की जाए।

जिसके बाद एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जयंत भूषण ने पीठ से कहा कि उन्हें शुक्रवार तक लिए ढहाने की कार्रवाई से राहत दी गई थी और तोड़फोड़ की कार्रवाई कोर्ट के अगले आदेश आने तक स्थगित की जाए। जवाब में पीठ ने भूषण से कहा कि समय निगम ने मांगा है। सॉलिसिटर जनरल यहां मौजूद हैं, ऐसे में आप की चिंता बेकार है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे देंगे।

पीठ ने कहा कि गत तीन अगस्त जिनको अंतरिम राहत दी गई थी, उनकी राहत अगली सुनवाई तक जारी रहेगी। पीठ ने शुक्रवार को एक बार फिर से स्पष्ट किया कि वनक्षेत्र से तमाम अवैध निर्माण हटाए जाएंगे। पीठ अब इस मामले पर 20 अगस्त को सुनवाई करेगी।

गौरतलब रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने सात जून को फरीदाबाद नगर निगम को खोरी गांव के वन क्षेत्र में स्थित करीब 10 हजार घरों को छह हफ्ते के भीतर ढहाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में साफ किया था कि हर हालत में वन क्षेत्र खाली होना चाहिए और इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। जिसके बाद कुछ लोगों द्वारा एक याचिका दायर कर यह दावा किया गया था कि उनकी जमीन वन क्षेत्र में नहीं है, लेकिन निगम की ओर से उन्हें नोटिस मिला है।