Faridabad/Alive News : उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि जिला में हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत अनुसूचित जाति के परिवारों को रोजगार मुहैया करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से गरीब परिवारों में विभिन्न आय के स्रोत बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा कर उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाना है।
उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए जिनकी आय ग्रामीण क्षेत्र में 49000 रुपये तथा शहरी क्षेत्र में 60000 रुपये तक हो और तथा उसका नाम बीपीएल सर्वेक्षण सूची में अंकित हो। उनके लिए आय बढ़ाने के लिए रोजगार स्थापित करवाए जाते हैं और इन परिवारों के लिए 150000 रुपये तक की धनराशि बैंकों के माध्यम से ऋण स्वरूप प्रदान की जाती है। इस योजना की लागत का निगम द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान राशि के रूप में अधिकतम सीमा तक 10000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा निगम द्वारा अनुसूचित जाति के ग्रामीण तथा तथा शहरी क्षेत्र के वे लोग जिनकी वार्षिक आय 300000 रुपये तक हो वह उनके लिए 300000 रुपये तक की धनराशि का ऋण बैंकों के माध्यम से दिलवाया जाता है। इस योजना में भी 10000 रुपये तक की धनराशि अनुदान स्वरूप प्रदान की जाती है और यह ऋण बैंक के माध्यम से 4 से 10 प्रतिशत तक धनराशि के अनुसार वार्षिक है। बैंक ऋण की वसूली त्रैमासिक छःमासिक और वार्षिक किस्तों में की जाती है।
हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के जिला प्रबंधक जगरूप सिंह ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के परिवारों को कृषि क्षेत्र में पशु पालन, सूअर पालन, मुर्गी पालन, गाड़ी जैसे झोटा, बुग्गी, रेहडी खच्चर, बैलगाड़ी इत्यादि भेड़ बकरी पालन, और नलकूप लगाने पर ऋण। रोजगार के लिए ऋण दिलवाया जाता है। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ाई गिरी, लोहार गिरी, हथकरघा, लकड़ी का काम, आरा मशीन, खिलौना बनाना, साबुन बनाना, पुर्जे बनाना, तेल का कोल्हू, आटा चक्की, मोमबत्ती बनाना, माचिस बनाना, टायर रिसोलिंग करना, चमड़ा व चमड़े के कार्य, खांडसारी या गुण बनाना, हार्डवेयर, दरी बनाना, चीनी के बर्तन बनाना, छापाखाना, हाथ से बुनने की मशीन, पॉलीथिन कागज के लिफाफे बनाना, वेल्डिंग कार्य करना, ग्राइंडिंग मिक्सी बनाना, मोटरसाइकिल की मरम्मत आदि शामिल है। इसी प्रकार व्यापारिक क्षेत्र में चाय की दुकान, दवाइयों की दुकान, मिठाई की दुकान, फलों की दुकान, पान की दुकान, खेल के सामान की दुकान, ऑटो रिक्शा साईकिल की मरम्मत, क्रोकरी की दुकान, स्टेशनरी की दुकान, खाद की दुकान, लकड़ी का टाल, सॉफ्ट ड्रिंक की एजेंसी, कोयले का डिपो, तुड़ी की टाल, सीमेंट की दुकान, कबाड़ी की दुकान, ड्राई क्लीनर की दुकान, फोटोग्राफी, किताबों की दुकान, रेडियो, टीवी,मोबाइल फोन मुरम्मत, किरयाने की दुकान, होटल, ढाबा, हलवाई की दुकान, कुकिंग गैस, गैस स्टील मरमत, कपड़े की दुकान, ठेकेदारी, टायर डीलर, खोखा आदि शामिल है। इसके अलावा व्यवसायिक क्षेत्र में ई-रिक्शा, ब्यूटी पार्लर, ऑटो रिक्शा, डॉक्टर व्यवसाय, ट्रैक्टर ट्राली व्यवसाय, आर्किटेक्ट व्यवसाय, ब्यूटी पार्लर, चार्टर्ड अकाउंट व्यवसाय, कानूनी व्यवसाय शामिल है।