November 22, 2024

सरकारी पैसे से बने सेक्टर में ब्रेकर तोडऩे पहुंची टीम को लोगों ने भगाया

फरीदाबाद : सरकारी पैसे से बने सेक्टर-21ए में स्पीड ब्रेकर को तोडऩे पहुंची नगर निगम की टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने कर्मचारियों को काम करने से रोक दिया और मौके से भगा दिया। लोगों का आरोप है कि निगम कर्मचारी सरकारी लागत से बने स्पीड ब्रेकर को तोडक़र नुकसान करना चाहते हैं। सेक्टर-21ए वेलफेयर कल्चरल एंड रिक्रिरेसेशनल एसोसिएशन के प्रधान गजराज नागर ने बताया कि उनके सेक्टर में काफी संख्या भारी वाहन होकर गुजरते हैं। इससे स्कूल जाने वाले छात्रों को दिक्कत हो रही थी।

इसलिए वर्ष 2014 में पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप को इस बारे में शिकायत दी गई। उनके आदेश पर सरकारी पैसे से उनके सेक्टर में करीब 12 जगह स्पीड ब्रेकर बनवाए गए। इनकी लागत 1 लाख से अधिक रुपए आई। इसके बाद वाहनों की स्पीड थम गई। मंगलवार को इन स्पीड ब्रेकर को तोडऩे के लिए नगर निगम का एक जेई विनोद कुछ मजदूरों को लेकर आया। उन्होंने ब्रेकरों को तोडऩा शुरू किया। इसकी सूचना मिलते ही वह और अन्य काफी स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। नगर निगम के जेई ने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए स्पीड ब्रेकर तोडऩा जरूरी है।

इसके बाद स्थानीय लोगों ने पूरे शहर में स्पीड ब्रेकर के बारे में बताया। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। इसके बाद स्थानीय लोग गुस्सा हो गए और उन्होंने मजदूरों व जेई को मौके से भगा दिया। प्रधान गजराज नागर का कहना है कि जब सरकारी पैसे से स्पीड ब्रेकर बने हैं तो वह गलत कैसे हो सकते हैं। प्रधान का आरोप है कि यह आदेश एक्सईएन एसके अग्रवाल ने दिया था। जबकि वह सिविल के एक्सईएन हैं। इस मामले की शिकायत नगर निगम कमिश्नर व उच्च अधिकारियों से की जाएगी।