November 17, 2024

खुशखबरी: फाइजर ने शुरू किया ट्रायल, अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी लगेगा टीका

New Delhi/Alive News: कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी फाइजर ने अपने टीके का ट्रायल 12 साल के कम उम्र के बच्चों पर भी शुरू कर दिया है। पहले चरण में कम संख्या में छोटे बच्चों को वैक्सीन की अलग-अलग खुराक दी जाएगी। इसके लिए फाइजर ने दुनिया के चार देशों में 4,500 से अधिक बच्चों का चुनाव किया है। जिन देशों में बच्चों पर फाइजर की वैक्सीन का ट्रायल होना है उनमें अमेरिका, फिनलैंड, पोलैंड और स्पेन शामिल हैं।

फाइजर ने कहा कि वह परीक्षण के पहले चरण में वैक्सीन की छोटी डोज का चयन करने के बाद 12 साल से कम उम्र के बच्चों के एक बड़े समूह में कोविड-19 टीकाकरण का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। फाइजर की कोविड वैक्सीन को पहले ही अमेरिका और यूरोपीय संघ में 12 साल के अधिक उम्र की बच्चों को लगाने के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। हालांकि, यह मंजूरी आपातकालीन उपयोग के लिए ही दी गई है। फाइजर ने कोरोना की यह वैक्सीन अपने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ मिलकर बनाई थी। इसी कंपनी की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सबसे पहले अपनी मंजूरी दी थी।

कंपनी ने बताया कि वैक्सीनेशन ट्रायल के लिए इस हफ्ते 5 से 11 साल के बच्चों के चयन करने का काम शुरू किया जाएगा। इन बच्चों को 10 माइक्रोग्राम की दो खुराकें दी जाएंगी। यह डोज किशोर और वयस्कों को दी जाने वाली वैक्सीन की खुराक का एक तिहाई है। इसके कुछ हफ्ते बाद 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों पर टीके का ट्रायल शुरू किया जाएगा। उन्हें तीन माइक्रोग्राम वैक्सीन दी जाएगी।

फाइजर के अलावा मॉडर्ना भी 12-17 साल के बच्चों पर वैक्सीन टेस्ट कर रही है और जल्द ही उसके नतीजे भी सामने आ सकते हैं। खास बात यह है कि एफडीए ने दोनों कंपनियों के अब तक के नतीजों पर भरोसा जताते हुए 11 साल तक के बच्चों पर भी वैक्सीन टेस्ट करने की इजाजत दे दी है। पिछले महीने एस्ट्राजेनेका ने 6 से 17 साल तक के बच्चों पर ब्रिटेन में अध्ययन शुरू किया है। वहीं, जॉनसन एंड जॉनसन भी अध्ययन कर रहा है। वहीं चीन की सिनोवैक ने तीन साल तक के बच्चों पर भी अपनी वैक्सीन को असरदार बताया है।