Guwahati/Alive News : असम के बरपेटा जिले के फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बुधवार शाम तक 22 घंटे से भी कम समय के भीतर 7 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. यह घटना राज्य के लिए एक खतरे की एक घंटी है, जहां उच्च शिशु मृत्यु दर है.
चैनल के अनुसार अखबार में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, अस्पताल में बुधवार को शाम 7.20 बजे से रात 11 बजे के बीच पांच, जबकि गुरुवार को दो शिशुओं की मौत हुई. ये सभी बच्चे दो या चार साल की उम्र के थे. चार अन्य शिशुओं की हालत गंभीर है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मौतें पूरी तरह से कम आयु में गर्भावस्था और बच्चों के वजन कम होने जैसे गंभीर मामलों से संबंधित हैं.
कॉलेज के प्रधानाचार्य और मुख्य अधीक्षक दिलीप कुमार दत्ता ने गुरुवार को किसी भी मेडिकल लापरवाही से इनकार किया. उन्होंने नवजात शिशुओं की मृत्यु का कारण जन्म के समय सांस लेने में तकलीफ का होना बताया. दत्ता ने बताया कि “जन्म के समय बच्चों का वजन कम था, जैसे 1 किलोग्राम, 2 किलोग्राम, 2.2 किलोग्राम. इनकी मांओं को अस्पताल में समय से भर्ती नहीं कराया गया, जिससे स्थिति और खराब हो गई. दुर्भाग्य से हम उन्हें बचा नहीं पाए”.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि बच्चे नवजात शिशु देखभाल केंद्र में थे और उन्हें उचित चिकित्सा दी गई थी, लेकिन नाजुक स्थिति होने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा, “दो मांओं की उम्र 20 साल थी.” मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष इस मेडिकल कालेज में बाल मृत्यु दर में कमी देखी जा रही है.
राज्य में मेडिकल शिक्षा के लिए फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सबसे नया है. यह असम का पांचवा मेडिकल कॉलेज है, जो 2011 में शुरू हुआ था.