June 9, 2025

गर्मियों में होमवर्क के बोझ ने छीना बच्चों से बचपन

गर्मियों में होमवर्क के बोझ ने छीना बच्चों से बचपन

Delhi/Alive News: इन दिनों गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं, लेकिन बच्चों की मस्ती पर होमवर्क ने ब्रेक लगा दिया है। बच्चे अपने नाना-नानी, मामा-मामी के घर जाना चाहते हैं, लेकिन स्कूलों ने इतना भारी होमवर्क दे दिया है कि छुट्टियां भी पढ़ाई में ही बीत रही हैं।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि CBSE स्कूलों ने खासकर छोटी कक्षाओं के बच्चों को ऐसा कठिन और तकनीकी होमवर्क दिया है जिसे बच्चे अकेले नहीं कर सकते।

मंच के महासचिव कैलाश शर्मा के अनुसार बच्चों को इलेक्ट्रिक सर्किट बनाना, एम्यूजमेंट पार्क का 3D मॉडल तैयार करना, दिल्ली मेट्रो या फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट बनाना, थर्माकोल से एफिल टॉवर बनाना, गणित की डिक्शनरी तैयार करना जैसे काम दिए गए हैं। ये काम बच्चों के बस के नहीं हैं और इसके लिए माता-पिता या प्रोफेशनल की मदद लेनी पड़ रही है या फिर लोग बाजार से तैयार प्रोजेक्ट खरीद रहे हैं।मंच का कहना है कि ये प्रोजेक्ट बाद में सिर्फ स्कूल के शो-केस की शोभा बढ़ाते हैं या फिर स्टोर में पड़े रहते हैं।

वहीं दूसरी ओर, हरियाणा बोर्ड के स्कूलों ने बच्चों को आसान और जीवन से जुड़ा हुआ होमवर्क दिया है। जैसे – दादा-दादी की सेवा करना, बिजली और पानी की बचत के उपाय जानना, पक्षियों के लिए पानी रखना, माता-पिता के फोन नंबर याद करना, सुंदर लेखन सुधारना, और “ऑपरेशन सिंदूर” पर स्लोगन और पोस्टर बनाना आदि।

मंच के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. शर्मा और लीगल एडवाइजर एडवोकेट बी.एस. बिरदी का कहना है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और बाल संरक्षण आयोग के अनुसार, प्राथमिक कक्षा के बच्चों को होमवर्क देना ही नहीं चाहिए। फिर भी स्कूल संचालक नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी तक के बच्चों को कठिन प्रोजेक्ट थमा रहे हैं, जो उनकी समझ से बाहर हैं।

अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को पूरे साल में सिर्फ 25–30 दिन ही गर्मी की छुट्टियां मिलती हैं, जिनमें वे घूमने-फिरने और परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं। ऐसे में होमवर्क देकर उनका बचपन छीनना सही नहीं है।