Faridabad/Alive News : गुर्जर महोत्सव में इस बार एक अनोखी और रंगीन झलक दिखाई दी, जिसमें तरह-तरह की चारपाइयां (खाट) शामिल थीं। यह महोत्सव न केवल गुर्जर समुदाय की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने का अवसर था, बल्कि यहाँ दिखाई देने वाली चारपाइयाँ भी समुदाय की विविधता, विविधता और रचनात्मकता को दर्शाती हैं।
गुर्जर समुदाय की संस्कृति में चारपाई का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो न केवल एक आरामदायक बैठने की व्यवस्था है, बल्कि यह समुदाय की परंपराओं और मूल्यों को प्रदर्शित करती है। महोत्सव में दिखाई देने वाली चारपाइयां न केवल सुंदर और आकर्षक थीं, बल्कि यह समुदाय की संस्कृति को भी प्रदर्शित करती हैं।गुर्जर महोत्सव में त्रिभूज, गोल और डबल सीटर चारपाई भी नजर आई।
हस्तशिल्प विजेंद्र सिंह आर्य ने बताया कि इन चारपाइयों को बनाने में लगभग 6 से 7 दिन का समय लगता है। उन्होंने बताया कि वह इन चारपाइयों को एक शौकिया तौर पर बनाते हैं, जिसमें वेस्ट मटेरियल का उपयोग किया जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि इन चारपाइयों का इस्तेमाल डाइनिंग टेबल के रूप में भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के लोग इस चारपाई पर बैठकर हुक्का पीते हैं और गपशप करते हैं।