November 23, 2024

अगर आप भी खाते हैं देर रात में खाना, तो जान ले एक्सपर्ट्स की सलाह

Lifestyle/Alive News: लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव होने लगा है जिससे कि लोगों की सेहत पर भी काफी असर पड़ता है। काम के बढ़ते प्रेशर की वजह से लोगों के खानपान की आदतों में भी काफी बदलाव होने लगा है। बिजी शेड्यूल की वजह से लोग अक्सर सही समय पर खाना नहीं खा पाते, जिसकी वजह से लोग अक्सर अपने लंच और डिनर भी सही समय पर खा पाते हैं। ऐसे में खानपान के बिगड़ते शेड्यूल की वजह से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

आप सभी ने अक्सर बड़े-बुजुर्गों और विशेषज्ञों को रात में जल्दी खाना खाने की सलाह देते सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है। अगर आपके मन में भी इसे लेकर सवाल रहता है, तो हैदराबाद के अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने रात में जल्दी खाना खाने की प्रमुख वजहों के बारे मे खुलासा किया है।

डॉक्टर ने इसकी वजह का खुलासा अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए किया है। अपने इस पोस्ट में उन्होंने रात का खाना जल्दी खाने के कई फायदों के साथ-साथ यह भी बताया कि यह जीईआरडी (गैस्ट्रो-एसोफैगल रिफ्लक्स डिजीज) के खतरे को भी कम कर सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से

अपने पोस्ट में डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि रात में सही समय पर खाना खाने से मोटापा, डायबिटीज और कई अन्य बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि पुराने दौर में हमारे पूर्वज और दादा-दादी सूरज डूबने के तुरंत बाद रात का खाना खा लिया करती थीं। हालांकि, बदलते समय के साथ देर रात को खाना और देर रात पब/पार्टियां करने का चलन तेजी से बढ़ गया है। ऐसे में रात को देर से खाने की वजह से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) होने का खतरा बढ़ जाता है।

जीईआरडी यानी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज एक सामान्य स्थिति है, जिसमें पेट की सामग्री ग्रासनली यानी इसोफेगस में चली जाती है। रिफ्लक्स एक बीमारी बन जाती है, जब यह बार-बार या गंभीर लक्षण या चोट का कारण बनती है। यह रिफ्लक्स इसोफेगस, फेरिंग्क्स या रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को नुकसान पहुंचा सकता है।

जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) का सबसे मुख्य लक्षण आम तौर पर सीने में जलन है, जिसे अक्सर सीने में गर्मी के रूप में वर्णित किया जाता है। साथ ही इसमें गले या मुंह में खट्टा या कड़वा तरल पदार्थ जमा होता है।

सीने में होने वाली परेशानी, जो आमतौर पर छाती के बीच में और पीठ की ओर बढ़ती है।
निगलने में कठिनाई, जिसे डिस्पैगिया के रूप में जाना जाता है।
गले में खराश
लगातार खांसी रहना
ज्यादा लार आना
सांस फूलना