Faridabad/Alive News: अगर आप ऑफिस डेस्क पर लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, या फिर घर में ही लगातार बैठकर टीवी देखते हैं या फिर यू ही इधर-उधर बैठे रहते है, तो आपको कई सारे स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार तो बनाता ही है साथ ही साथ आपकों दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी काफ़ी बढ़ जाता है। दरअसल, जब भी आप लगातार एक स्थान पर बैठे रहते हैं तो आपके शरीर में ना केवल ज्यादा कैलोरी जमा होती है बल्कि आप इससे अपनी हड्डियों और शरीर की मसल्स के लिए भी काफ़ी खतरा पैदा कर रहे होते हैं।
इसलिए जब कोई बिना मूवमेंट के एक ही स्थिति में काफ़ी देर तक बैठा रहता है तो वह आपके ब्लड सर्कुलेशन और ब्लड प्रेशर को भी काफ़ी प्रभावित कर सकता है, जिससे आपकों स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और ज्यादा बढ़ सकती हैं। जीवन शैली लोगों के लिए आजकल आम बात हो गई है जिसमें से तो कई लोग अपनी डेस्क पर, स्क्रीन के सामने ही लंबे समय तक बैठे रहते हैं। इसलिए यहां पर उन तरीकों को जानना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है जिनके कारण से एक ही स्थान पर अत्यधिक बैठना आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकता है।
ज्यादा देर तक बैठे रहने से हो सकती हैं कई बीमारियां
- इससे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ जाता है
एथेरोस्क्लेरोसिस, यह आपकी धमनियों में प्लाक बना देता है जो की हार्ट डिसीज के लिए एक बड़ा जोखिम होता है। अगर कोई भी अधिक देर तक एक स्थान पर बैठा रहता है तो उससे उसका ब्लड सर्कुलेशन कम होता है और उससे शरीर में जमे हुए फैट को बर्न करने वाले सभी तंत्र की कार्यक्षमता कम हो जाती है। ओर यह एथेरोस्क्लेरोसिस को भी तेज कर सकता है और धमनियों को भी सिकोड़ सकता है। - इससे ब्लड सर्कुलेशन के बिगड़ने का भी हो सकता है खतरा
लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहने से ब्लड सर्कुलेशन भी बिगड़ जाता है। आपके निचले शरीर में रक्त के थक्के बन सकते हैं, डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) भी हो सकता है और दिल के दौरे या स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। ब्लड फ्लो को सही रखने और इन खतरों से बचे रहने के लिए एक्सरसाइज करना काफी ज्यादा जरूरी है। - इससे मोटापे का खतरा भी बढ़ सकता है
आपके लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहने से अक्सर गतिहीन जीवनशैली से जुड़ा होता है जिससे आपका वजन और मोटापा बढ़ सकता है। जैसे अत्यधिक वजन बढ़ने से हृदय पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे हार्ट रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज का खतरा भी काफ़ी बढ़ जाता है। बैठने के समय को कम करने के साथ ही आपकों रोजाना एक्सरसाइज, वजन को कंट्रोल करने और ओवरऑल हार्ट हेल्थ में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है। - हाई ब्लड प्रेशर
लंबे समय तक बैठने से शरीर के कई अंगों को नुकसान हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। बिल्कुल नहीं या बहुत कम बैठने वाले लोगों की तुलना में लंबे समय तक बैठने वालों को इन बीमारियों के होने की दोगुनी आशंका होती है। - हार्ट और लंग्स की बीमारी का खतरा
ज्यादा देर तक बैठ कर काम करना महंगा पढ़ सकता है। ज्यादा देर तक काम करने से आपके लंग्स और शरीर के बाकी अंग में खून का बहाव कम हो जाता है। इससे आपके लंग्स में खून के थक्के जमने के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसका बुरा असर आपके दिल पर भी पड़ता है। ज्यादा बैठ कर काम करने से हार्ट प्रॉब्लम होने के चांसेज अधिक होते हैं। - मांसपेशियों में कमजोरी
अक्सर लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। कूल्हे और पैरों की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके। - गठिया
लंबे समय तक बैठे रहने से लोगों का वजन भी बढ़ता है और इसके परिणामस्वरूप कूल्हे और इसके नीचे के अंगों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर के कम एक्टिव होने के कारण ही ऑस्टियोपोरोसिस यानी गठिया जैसी बीमारियां आम होती जा रही हैं। - दिमाग पर असर
लंबे समय तक बैठे रहने से दिमाग भी प्रभावित होता है। इसके काम करने की क्षमता पर असर होता है और काफी स्लो हो जाता है। मांसपेशियों के एक्टिव होने से दिमाग में खून और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचती है, जिससे दिमाग में ऐसे केमिकल बनते हैं जो उसे एक्टिव बनाते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह दिमाग के लिए खतरनाक हो सकता है। - बैड पॉश्चर सिंड्रोम
लगातार बैठे रहने से कमर पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। अगर आप लंबे समय तक बैठकर लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो बैड पॉश्चर सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं। - डायबिटीज का खतरा
डायबिटीज का एक मुख्य कारण सुस्त लाइफस्टाइल भी है। नॉर्वेगियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मुताबिक, लंबे समय तक बैठे रहने और सुस्त लाइफस्टाइल फॉलो करने वालों को डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है।
इन स्वास्थ समस्याओं से बचने के लिए करें ये काम
पैदल चलें: अगर आप बैठे हुए हैं तो थोड़ी-थोड़ी देर में घूमते रहें। ऐसा करने से मूवमेंट होता रहेगा।
खड़े होकर काम करें: स्टैंडिंग डेस्क या एडजस्टेबल वर्कस्टेशन का यूज किया जा सकता है जो बैठने और खड़े होने की स्थिति के बीच अच्छा ऑपशंस हो सकता है. इससे मांसपेशियां एक्टिव बनी रहती हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है।
एक्टिव ब्रेक शेड्यूल करें: ब्रेक या दोपहर के भोजन के बाद बैठने की जगह फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं जैसे चलना, सीढ़ियां चढ़ना या घूमना आदि।
एक्सरसाइज करें: हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मीडियम इंटेंसिटी की एक्सरसाइज करें. इसके अलावा कार्डियो एक्सरसाइज भी करें।